Sun, 29 December 2024 11:12:35pm
IIT जोधपुर में जनरेटिव एआई के लिए एक नया केंद्र, "सृजन" (Srijan), स्थापित करने के लिए Meta और IndiaAI ने एक ऐतिहासिक साझेदारी की है, जिसका उद्देश्य भारतीय युवा डेवलपर्स को ओपन-सोर्स एआई का उपयोग कर वास्तविक जीवन की समस्याओं के समाधान में सहायता करना है। इस कदम का उद्देश्य जनरेटिव एआई के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका को मजबूत करना है।
मुख्य उद्देश्य और संरचना
यह नया केंद्र IIT जोधपुर में स्थापित किया गया है और इसका उद्देश्य शैक्षणिक अनुसंधान, मोबाइलिटी, स्वास्थ्य सेवा, और शिक्षा में उन्नत एआई समाधानों का विकास करना है। इस पहल में All India Council for Technical Education (AICTE) के सहयोग से "युवएआई" (YuvAI) पहल भी शामिल है, जो एआई कौशल और क्षमता निर्माण पर केंद्रित है।
इस साझेदारी के तहत Meta ने INR 750 लाख की निधि और तकनीकी सहयोग देने का संकल्प लिया है। यह कोष एआई रिसर्च के विभिन्न पहलुओं, जैसे कि मास्टर प्रशिक्षण कार्यशालाओं, डेटा प्रयोगशालाओं, और आईआईटी जोधपुर द्वारा विकसित ओपन-सोर्स मॉडल्स के निर्माण और प्रयोग में सहायता करेगा।
Establishment of the Center for Generative AI, Shrijan (सृजन)
भारत में AI के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण
केंद्र "सृजन" में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रोग्राम्स शुरू किए जाएंगे, जिनमें डेटा प्रयोगशालाएं, मास्टर ट्रेनोंग कार्यशालाएं, और AI मॉडल्स के विकास के लिए हैकथॉन शामिल हैं। इससे स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स को वास्तविक जीवन की समस्याओं के समाधान में एआई का उपयोग करने की प्रैक्टिकल जानकारी मिलेगी। साथ ही Meta का फोकस इस केंद्र के माध्यम से ओपन-सोर्स AI के क्षेत्र में जिम्मेदार और नैतिक नवाचार को बढ़ावा देना भी है।
साझेदारी पर प्रमुख लोगों के विचार
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री एस. कृष्णन ने इस साझेदारी को भारतीय एआई शोध और प्रतिभा विकास के लिए "मील का पत्थर" बताया। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी भारत को $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वहीं, Meta के पब्लिक पॉलिसी हेड शिवनाथ ठाकुर ने कहा कि यह साझेदारी भारतीय तकनीकी नवाचार को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिलाने में मदद करेगी।
IIT जोधपुर के प्रोफेसर मयंक वत्स ने इसे एआई और नई तकनीक के क्षेत्र में नैतिक और जिम्मेदार नवाचार का केंद्र बनाने का वादा किया। उन्होंने कहा कि "सृजन" देश में एआई पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगा और विभिन्न संस्थानों, उद्योगों, और सरकार के साथ साझेदारी के जरिए इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाएगा।
आगे की योजनाएं और लक्ष्य
इस पहल के अंतर्गत अगले तीन वर्षों में एक लाख युवाओं को एआई में प्रशिक्षित किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य है कि भारत के युवा डेवलपर्स और उद्यमी भविष्य के लिए तकनीकी रूप से तैयार रहें। "युवएआई" पहल के तहत, छात्रों को वास्तविक समस्याओं पर काम करने का मौका मिलेगा और उनके लिए अनेक ओपन-सोर्स संसाधनों, पाठ्यक्रमों, और वर्कशॉप्स का आयोजन किया जाएगा। इस पहल के तहत टॉप आइडियाज को मेंटरिंग और मार्केट एक्सेस भी प्रदान किया जाएगा।
भारत और Meta की इस पहल के माध्यम से जनरेटिव एआई और अन्य नई तकनीकों के क्षेत्र में बड़े स्तर पर बदलाव की अपेक्षा है। सृजन केंद्र के माध्यम से आने वाले वर्षों में भारतीय युवाओं को एआई के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा और यह केंद्र भारत के आर्थिक और तकनीकी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।