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जीएसटी संग्रह में 8.9प्रतिशत की वृद्धि, 1.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा, अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत



अजय त्यागी 2024-11-01 05:22:27 समीक्षा

प्रतीकात्मक फोटो : Internet
प्रतीकात्मक फोटो : Internet
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भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत देते हुए, अक्टूबर 2024 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह 1.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8.9% की वृद्धि को दर्शाता है। यह लगातार आठवां महीना है जब जीएसटी संग्रह 1.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। यह उन्नति आर्थिक सुधार और घरेलू मांग में वृद्धि का संकेत माना जा रहा है।

सरकार के लिए बड़ी सफलता
केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2024 में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) के रूप में 33,821 करोड़ रुपये और राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) के रूप में 41,864 करोड़ रुपये का संग्रह किया गया। इसके अतिरिक्त, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) के रूप में 99,111 करोड़ रुपये और सेस के माध्यम से 12,550 करोड़ रुपये का संग्रह किया गया।

आयात और घरेलू लेन-देन में वृद्धि
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, घरेलू लेन-देन से जीएसटी राजस्व में 10.6% की वृद्धि दर्ज की गई, जो करीब 1.42 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि वस्तुओं के आयात से प्राप्त राजस्व में 4% की वृद्धि हुई, जो 45,096 करोड़ रुपये रहा। इस आंकड़े से संकेत मिलता है कि देश में घरेलू मांग और आर्थिक गतिविधियां बेहतर हो रही हैं।

वित्तीय वर्ष के पहले सात महीनों में 9.4% की बढ़ोतरी
वर्तमान वित्तीय वर्ष के पहले सात महीनों में जीएसटी संग्रह 12.74 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 9.4% की वृद्धि को दर्शाता है। पिछले वर्ष इस अवधि में यह आंकड़ा 11.64 लाख करोड़ रुपये था। यह आंकड़ा सरकार के लिए वित्तीय प्रबंधन में स्थिरता लाने में सहायक है और राजकोषीय घाटा घटाने के प्रयासों में मदद करेगा।

रिफंड और शुद्ध जीएसटी संग्रह
अक्टूबर में सरकार ने 19,306 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 18.2% की वृद्धि को दर्शाता है। रिफंड समायोजन के बाद, शुद्ध जीएसटी संग्रह में 8% की बढ़ोतरी हुई और यह 1.68 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। रिफंड जारी करने के बावजूद संग्रह में इस तरह की वृद्धि सरकार की राजस्व बढ़ाने की क्षमता को दर्शाती है।

सितंबर की तुलना में वृद्धि दर में सुधार
सितंबर 2024 में जीएसटी संग्रह की वृद्धि दर केवल 6.5% थी, जो महामारी के बाद सबसे कम थी। सितंबर तिमाही में औसत जीएसटी संग्रह 1.77 लाख करोड़ रुपये मासिक था, जबकि जून तिमाही में यह 1.86 लाख करोड़ रुपये था। हालांकि, अक्टूबर में वृद्धि दर में सुधार दिखा, जो आर्थिक सुधार की दिशा में सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

अर्थव्यवस्था के सुधार का संकेत
जीएसटी संग्रह में यह निरंतर वृद्धि घरेलू मांग और उत्पादन की स्थिरता का संकेत देती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह रुझान आगे भी जारी रहता है, तो इससे आगामी तिमाहियों में आर्थिक विकास दर में सुधार की उम्मीद की जा सकती है। इसके अलावा, राजकोषीय घाटा नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी, जो कि सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।