Sun, 29 December 2024 11:43:26pm
भारत सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 'नमो ड्रोन दीदी' योजना की घोषणा की है। कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा चलाई जा रही यह योजना, देश के कृषि क्षेत्र में एक नई तकनीकी क्रांति लाने का प्रयास है, जिससे महिलाओं को स्वावलंबी और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा। इस योजना के तहत किसानों के लिए ड्रोन तकनीक को सुलभ और सस्ता बनाने के लिए बड़े पैमाने पर सहायता दी जाएगी।
केंद्रीय क्षेत्र की यह योजना 1261 करोड़ रुपये के बजट के साथ महिलाओं के लिए अवसर सृजित करने का लक्ष्य रखती है। वर्ष 2024-25 से 2025-26 तक इस योजना के तहत 14,500 महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि संबंधी सेवाओं के लिए ड्रोन प्रदान किए जाएंगे। यह योजना, डीएवाई-एनआरएलएम (दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के तहत कार्यान्वित की जा रही है, जो महिलाओं को अपने समूहों में मजबूत व्यावसायिक मॉडल बनाने में मदद करेगा।
इस योजना का प्रमुख लक्ष्य ड्रोन तकनीक के माध्यम से उर्वरकों और कीटनाशकों का छिड़काव करना है। ड्रोन से खेती करने से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि संसाधनों का भी बेहतर प्रबंधन संभव होगा। योजना के अंतर्गत एक महिला सदस्य को ड्रोन पायलट और सहायक के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। यह 15-दिन का प्रशिक्षण ड्रोन ऑपरेशन, रखरखाव, और कृषि में ड्रोन का प्रयोग करने पर आधारित होगा। यह प्रशिक्षण ड्रोन निर्माता द्वारा प्रदान किया जाएगा, जिससे एसएचजी सदस्यों को कुशलता से ड्रोन का उपयोग करना सिखाया जा सकेगा।
योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन की पूरी किट प्रदान की जाएगी, जिसमें उर्वरक एवं कीटनाशक छिड़काव के लिए स्प्रे तंत्र के साथ बेसिक ड्रोन, बैटरी सेट, चार्जर हब, कैमरा, और अन्य आवश्यक उपकरण शामिल हैं। इस पैकेज में एक वर्ष की ऑनसाइट वारंटी, बीमा, तथा दो साल का रखरखाव अनुबंध भी शामिल है। ड्रोन की मदद से एक दिन में लगभग 20 एकड़ तक के क्षेत्र में छिड़काव किया जा सकेगा, जिससे छोटे और सीमांत किसान भी लाभान्वित होंगे।
योजना के तहत ड्रोन की लागत का 80% हिस्सा सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा। अधिकतम आठ लाख रुपये की सहायता राशि एसएचजी को प्रदान की जाएगी, जिससे ड्रोन की खरीद आसान हो सके। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय कृषि अवसंरचना वित्तपोषण सुविधा (AIF) के अंतर्गत एसएचजी को कम ब्याज दर पर ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा।
इस योजना की सफलता के लिए राज्यों में प्रमुख उर्वरक कंपनियों (एलएफसी) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे योजना के सुचारु क्रियान्वयन और एसएचजी की मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। एलएफसी, राज्य के विभिन्न विभागों, ड्रोन निर्माताओं और एसएचजी के बीच समन्वय स्थापित कर ड्रोन की खरीद और उसके संचालन की प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से पूर्ण करेंगे।
'नमो ड्रोन दीदी' योजना से न केवल महिला किसानों का सशक्तिकरण होगा, बल्कि उन्हें तकनीकी दक्षता भी मिलेगी। योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को व्यवसाय के रूप में ड्रोन सेवाएं उपलब्ध कराने का मौका मिलेगा, जिससे वे अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगी। कृषि में ड्रोन के उपयोग से फसल की पैदावार में वृद्धि और लागत में कमी आने की संभावना है।
'नमो ड्रोन दीदी' योजना सरकार का एक ऐसा पहल है जो ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए उन्हें नई तकनीकों से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त करेगा। कृषि में इस तरह की आधुनिक तकनीक के समावेशन से खेतीबाड़ी और सरल होगी और किसानों की उत्पादकता में भी वृद्धि होगी। यह योजना देश के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए आजीविका के नए अवसरों का सृजन करेगी और कृषि क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ेगी।