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केरल में वक्फ बोर्ड के दावे से मचा बवाल: 600 परिवारों की जमीन पर विवाद, बीजेपी ने वक्फ संशोधन बिल का दिया भरोसा



अजय त्यागी 2024-11-10 02:30:40 केरल

भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी - File Photo : Internet
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी - File Photo : Internet
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केरल में कोच्चि के निकट मुनांबम क्षेत्र के 600 से अधिक परिवारों की जमीन पर वक्फ बोर्ड का दावा गहराता जा रहा है। ये जमीनें मुख्य रूप से ईसाई समुदाय के लोगों की हैं, जिनके पास यह संपत्ति कई दशकों से है। वक्फ बोर्ड का दावा है कि यह जमीन धार्मिक ट्रस्ट की है, जबकि स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने इसे कई वर्षों पहले खरीदा था। इस विवाद ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है और केंद्र में भाजपा सरकार के लिए मुद्दा बन गया है। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने इस मामले में कठोर कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

जमीन के दावे पर बढ़ा विवाद
वक्फ बोर्ड का दावा है कि मुनांबम की यह जमीन ऐतिहासिक रूप से वक्फ संपत्ति रही है, जिसका उपयोग धार्मिक और शैक्षिक कार्यों के लिए किया गया। हालांकि, स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने यह जमीन कानूनी तरीके से 1989 में खरीदी थी और दशकों से यहां निवास कर रहे हैं। लगभग 400 एकड़ जमीन पर दावा किया गया है, जिसमें से अधिकतर क्षेत्रों पर चर्च और स्थानीय समाज का नियंत्रण है। विवाद बढ़ने के बाद भाजपा ने इस मुद्दे को वक्फ संशोधन विधेयक के माध्यम से हल करने का आश्वासन दिया है​।

सुरेश गोपी ने दिया समर्थन
भाजपा के नेता और राज्यसभा सदस्य सुरेश गोपी ने स्थानीय लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने वादा किया कि भाजपा इस भूमि विवाद को समाप्त करने के लिए संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक को पास करवाने का प्रयास करेगी। गोपी ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस पर कार्रवाई नहीं की गई, तो कल को सबरीमाला और वेलानकन्नी जैसे धार्मिक स्थलों पर भी वक्फ बोर्ड का दावा हो सकता है। उन्होंने कहा, "यह क्रूरता केवल मुनांबम तक सीमित नहीं है; इसे पूरे देश से समाप्त किया जाएगा।"​

अदालत में मामला और स्थानीय निवासियों का विरोध
यह मामला अदालत में लंबित है, जहाँ स्थानीय निवासियों ने दावा किया है कि यह संपत्ति उनके नाम पर दर्ज है। केरल हाई कोर्ट ने फिलहाल वक्फ बोर्ड के दावे के खिलाफ स्थगन आदेश जारी किया है, जिसमें निवासियों को इस जमीन पर कर चुकाने की अनुमति दी गई है। इसके बावजूद वक्फ बोर्ड के दावे के कारण स्थानीय लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और उन्होंने इस मुद्दे पर अदालत से स्थायी समाधान की मांग की है। इस मामले में केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (KCBC) ने भी निवासियों का समर्थन किया है और संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से कार्रवाई की अपील की है।

भाजपा का वक्फ (संशोधन) विधेयक और राजनीतिक बयानबाजी
इस विवाद का केंद्र में चल रहे वक्फ (संशोधन) विधेयक पर भी असर पड़ा है, जिसमें वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर निगरानी बढ़ाने के प्रावधान शामिल किए गए हैं। विपक्षी दल इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं, जबकि भाजपा ने इसे देशभर में वक्फ के विवादित दावों को रोकने के एक उपाय के रूप में प्रस्तुत किया है। सुरेश गोपी ने मतदाताओं से अपील की है कि यदि वे नहीं चाहते कि उनकी धार्मिक संपत्तियां वक्फ बोर्ड के दावे में आ जाएं, तो उन्हें भाजपा का समर्थन करना चाहिए।

इस विवाद से यह स्पष्ट हो गया है कि वक्फ बोर्ड और राज्य सरकारों के बीच कानूनी झगड़े बढ़ सकते हैं, खासकर तब जब भूमि पर विवाद हो। केंद्रीय स्तर पर समाधान के लिए वक्फ कानूनों में संशोधन पर चर्चा जारी है, जिससे इस प्रकार के विवादों का कानूनी समाधान सुनिश्चित किया जा सके।