Mon, 30 December 2024 12:08:49am
बिहार के बेगूसराय जिले के बरौनी जंक्शन पर एक दिल दहला देने वाले हादसे में रेल कर्मी अमर कुमार रावत की जान चली गई। यह घटना तब हुई जब अमर और उनके साथी शंटिंग मैन सुलेमान ट्रेन के इंजन को बोगियों से अलग कर रहे थे। इस घटना ने रेलवे सुरक्षा प्रोटोकॉल और कर्मचारियों के साथ होने वाले जोखिमों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर इस घटना ने धार्मिक विवाद को भी जन्म दिया है, जिससे मामले की संवेदनशीलता और बढ़ गई है।
घटना का विवरण
शनिवार की सुबह लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस (15204) के बरौनी पहुंचने के बाद उसके इंजन को डिटैच करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसी दौरान प्लेटफॉर्म संख्या 6 पर शंटिंग ऑपरेशन में अमर कुमार बफर के बीच में फंस गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, इंजन को डिटैच करने का निर्देश स्टेशन मास्टर द्वारा दिया गया था, जिसमें अमर और उनके सहयोगी सुलेमान शामिल थे।
सीसीटीवी फुटेज और जांच रिपोर्ट
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि इस घटना की जांच में सीसीटीवी फुटेज को आधार बनाया गया है। फुटेज में दिखता है कि सुलेमान ने बिना पूरी संचार स्पष्टता के ड्राइवर को संकेत दिया, जिसके बाद इंजन पीछे की ओर बढ़ा, और यह भयानक हादसा हो गया। जांच रिपोर्ट में सुलेमान को दोषी ठहराया गया है, हालांकि सुलेमान ने इस घटना में खुद की लापरवाही से इनकार किया है और इंजन ड्राइवर को जिम्मेदार बताया है।
सुलेमान का बयान
सुलेमान ने अपने बयान में कहा कि जब अमर इंजन और बोगी के बीच में थे, उस समय उन्होंने ड्राइवर को इंजन को पीछे करने का संकेत नहीं दिया था, फिर भी ड्राइवर ने इंजन को बैक कर दिया। सुलेमान के अनुसार, वह हादसे के वक्त इंजन के पास ही मौजूद थे। उनके इस बयान से जांच में कई सवाल खड़े हो गए हैं, क्योंकि ड्राइवर राकेश रोशन का दावा है कि उसने सुलेमान के इशारे पर ही इंजन को आगे और फिर पीछे किया था।
रेलवे की प्रतिक्रिया और परिवार का आक्रोश
रेलवे ने घटना की गंभीरता को समझते हुए उच्चस्तरीय जांच की घोषणा की है। सोनपुर के डीआरएम विवेक भूषण ने कहा है कि जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अमर के परिवार का आरोप है कि सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया, और रेलवे की लापरवाही ने अमर की जान ले ली। अमर के भाई ने चार कर्मियों की आवश्यकता के बावजूद सिर्फ दो लोगों से काम करवाने पर सवाल उठाए हैं।
सोशल मीडिया पर धार्मिक रंग
जांच रिपोर्ट में सुलेमान को दोषी ठहराने के बाद सोशल मीडिया पर मामले को धार्मिक रंग देने की कोशिश हो रही है। कुछ यूजर्स इसे धार्मिक भेदभाव का मामला बताते हुए आरोप लगा रहे हैं। हालांकि, रेलवे ने स्पष्ट किया है कि इस दुर्घटना में सिर्फ सुरक्षा और संचार की कमी की वजह से हादसा हुआ है।
परिजनों की पीड़ा
अमर कुमार रावत, जो अपने पिता के निधन के बाद 2021 में अनुकंपा के आधार पर रेलवे में भर्ती हुए थे, उनकी अगले महीने शादी होने वाली थी। शादी के कार्ड भी छप चुके थे, लेकिन यह दुखद घटना उनके जीवन को छीन ले गई। परिवार ने रेलवे अधिकारियों से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के उपाय किए जाएं।
यह दर्दनाक हादसा रेलवे की सुरक्षा व्यवस्थाओं में खामियों की ओर संकेत करता है। कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे को सख्त कदम उठाने होंगे ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।