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सुप्रीम कोर्ट ने दिमाग नियंत्रित करने वाली मशीन की शिकायत पर याचिका खारिज की, कहा अजीबो-गरीब मामला



अजय त्यागी 2024-11-12 05:17:23 दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट - Photo : Internet
सुप्रीम कोर्ट - Photo : Internet
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हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक अनोखी याचिका पर सुनवाई की जिसमें एक व्यक्ति ने दावा किया था कि एक मशीन के जरिए कुछ लोग उसके दिमाग को नियंत्रित कर रहे हैं। अदालत ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और इसे अजीबो-गरीब मामला करार दिया।

याचिका की पृष्ठभूमि: 
यह याचिका आंध्र प्रदेश के एक शिक्षक जी. वेंकटेश्वरलू द्वारा दायर की गई थी। उनका दावा था कि केंद्रीय फोरेंसिक साइंटिफिक लेबोरेटरी (CFSL) हैदराबाद के पास 'मानव मस्तिष्क पढ़ने की मशीन' है, जो उनके विचारों को नियंत्रित करने का काम करती है।

हाई कोर्ट का आदेश: 
इस मामले में पहले आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने भी कोई सबूत न मिलने पर याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ता पर कोई मस्तिष्क नियंत्रित मशीन का प्रयोग नहीं किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट में अपील: 
उच्चतम न्यायालय में अपील करते हुए याचिकाकर्ता ने इस कथित मशीन को निष्क्रिय करने का आदेश देने का अनुरोध किया था। हालांकि, कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह मामला "हस्तक्षेप की संभावना से बाहर" है।

मामले की जांच: 
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के मानसिक स्वास्थ्य और उसके वास्तविक मुद्दों को समझने के लिए सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमिटी (SCLSC) से बातचीत करवाई। जांच में याचिकाकर्ता की ओर से शिकायत को वैधानिक नहीं पाया गया।

अधिवक्ता का पक्ष: 
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ताओं में डॉ. विपिन गुप्ता और अन्य ने उनकी बात रखी, जबकि प्रतिवादी पक्ष ने मशीन के अस्तित्व को अस्वीकार किया।

अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया और इसे अजीब मामला बताते हुए मामले को बंद कर दिया।


आदेश की प्रति के लिए क्लिक करें...


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