Thu, 14 November 2024 10:11:45pm
मुंबई के सेंट्रल जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (DCDRC) ने हाल ही में वीएलसीसी हेल्थकेयर को एक ग्राहक को 47,200 रुपये लौटाने का आदेश दिया है, जो उन्होंने एडवांस में लेज़र हेयर रिमूवल के लिए चुकाए थे। इस प्रक्रिया में ग्राहक को जलने की चोट लगी, जिसके बाद उन्होंने उपचार बीच में ही रोक दिया। आयोग ने कहा कि वीएलसीसी का इस तरह से बिना किसी चिकित्सकीय निगरानी के उपचार करना एक अनुचित व्यापार व्यवहार है।
जलने की चोट और अनुचित व्यापार व्यवहार
आयोग की सदस्यता में राष्ट्रपति वंदना मिश्रा और सदस्य संजय एस. जगदाले ने पाया कि लेज़र उपचार करते समय किसी डॉक्टर की निगरानी नहीं थी, जबकि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, लेज़र हेयर रिमूवल प्रक्रिया के लिए एमडी, डर्मेटोलॉजी योग्य डॉक्टर का होना आवश्यक है। आयोग ने पाया कि इस उपचार में संभावित जोखिमों की कोई पूर्व चेतावनी भी ग्राहक को नहीं दी गई थी, और वीएलसीसी का ग्राहक को रिफंड की जगह क्रेडिट नोट देने पर जोर देना अनुचित व्यापार व्यवहार में आता है।
ग्राहक की निराशा और वीएलसीसी की प्रतिक्रिया
जब ग्राहक ने जलने की चोट के बारे में शिकायत की तो वीएलसीसी के तकनीशियन ने इसे हल्का सा जलन कहकर उसे सामान्य मॉइस्चराइजिंग क्रीम लगाने की सलाह दी। हालांकि, जलने की स्थिति गंभीर होती गई और ग्राहक ने वीएलसीसी से बातचीत करके रिफंड की मांग की, लेकिन उन्हें क्रेडिट नोट का प्रस्ताव दिया गया, जो ग्राहक को मंजूर नहीं था। इसके बाद उन्होंने इस मामले को उपभोक्ता आयोग में उठाया।
आयोग का आदेश: क्षतिपूर्ति और रिफंड
आयोग ने वीएलसीसी को न केवल 47,200 रुपये वापस करने का आदेश दिया बल्कि 30,000 रुपये मानसिक और शारीरिक कष्ट के लिए और 10,000 रुपये कानूनी खर्चों के रूप में भी भुगतान करने का निर्देश दिया। आयोग ने स्पष्ट किया कि वीएलसीसी का "नॉन-रिफंडेबल पॉलिसी" एकतरफा थी और ग्राहक के हितों के खिलाफ़ थी, जो उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन का मामला बनता है।
अनुचित सेवा और संभावित कानूनी कार्रवाई
आयोग ने यह भी नोट किया कि वीएलसीसी के केंद्र "क्लिनिकल एस्टैब्लिशमेंट्स (पंजीकरण और विनियमन) अधिनियम, 2016" के अंतर्गत पंजीकृत नहीं हैं, जो कि स्वास्थ्य सेवाओं के मानकों का उल्लंघन है। हालांकि, इस मामले में आयोग ने ग्राहक को उपयुक्त प्राधिकारी से शिकायत करने का सुझाव दिया।
यह फैसला उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां उपचार के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं के मानकों का उल्लंघन किया गया था। वीएलसीसी के खिलाफ यह आदेश न केवल उपभोक्ता अधिकारों को सुरक्षित करता है बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता पर भी ज़ोर देता है।