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सास के साथ दुष्कर्म के मामले में दमदार फैसले से बंबई उच्च न्यायालय ने आरोपी की सजा बरकरार रखी



अजय त्यागी 2024-11-14 12:40:17 महाराष्ट्र

बंबई उच्च न्यायालय -Photo : Internet
बंबई उच्च न्यायालय -Photo : Internet
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तमिलनाडु के एक चौंकाने वाले मामले में बंबई उच्च न्यायालय ने उस व्यक्ति की सजा बरकरार रखी है, जिसने अपनी सास के साथ दुष्कर्म किया। इस मामले ने समाज और न्यायपालिका में गहरी चिंता का विषय उत्पन्न किया है।

अपराध का विवरण:
मामला दिसंबर 2018 का है, जब 55 वर्षीय पीड़िता, जो एक फूल बेचने का काम करती थीं, अपनी पोती की तबियत खराब होने पर उससे मिलने निकलीं। उसी दौरान उनके दामाद, शैलेश महादेव लांजवार ने उन्हें मजबूर कर जंगल में ले जाकर दुष्कर्म किया।

अदालत की टिप्पणी:
जस्टिस जी.ए. सनाप ने कहा कि पीड़िता ने कभी नहीं सोचा होगा कि उनका दामाद ऐसी घिनौनी हरकत करेगा। आरोपी ने पीड़िता की गरिमा को आघात पहुँचाया, जो उसकी अपनी माँ के समान थीं।

दोषी के तर्क:
अभियुक्त ने दावा किया कि यह सहमति से हुआ, लेकिन कोर्ट ने यह तर्क खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि पीड़िता पर जबरन हमले के बाद उसे पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करानी पड़ी, जो किसी सहमति के मामले में नहीं होती।

वकीलों का पक्ष:
अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता योगेश मंडपे ने बहस की, जबकि राज्य की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक मुक्ता कवीमंडन ने प्रस्तुतियाँ दीं।

अदालत ने सख्त शब्दों में आरोपी की सजा को बरकरार रखते हुए कहा कि पीड़िता ने साहस के साथ यह कदम उठाया, ताकि न्याय की उम्मीद बरकरार रहे।


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