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वृद्धावस्था पेंशन: सत्यापन में गड़बड़ी से पीड़ित बुजुर्ग, जिंदा होने का सबूत लेकर भटक रहे



अजय त्यागी 2024-11-15 11:37:31 उत्तर प्रदेश

प्रतीकात्मक फोटो : Internet
प्रतीकात्मक फोटो : Internet
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उत्तर प्रदेश में वृद्धावस्था पेंशन योजना के सत्यापन में गंभीर गड़बड़ियों का मामला सामने आया है, जहां जीवित बुजुर्गों को मृत घोषित कर उनकी पेंशन बंद कर दी गई। इसके बाद ये बुजुर्ग खुद को जीवित साबित करने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं, जिससे उनकी परेशानियां और बढ़ गई हैं। इस रिपोर्ट में जानें कि कैसे सरकारी गलती ने बुजुर्गों को दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर कर दिया।

कई जिलों में वृद्धावस्था पेंशन योजना का सत्यापन
उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण विभाग द्वारा वृद्धावस्था पेंशन योजना के लाभार्थियों का सत्यापन करवाया जा रहा है, जिसके दौरान कई अनियमितताएं उजागर हुई हैं। कई जिलों में लाभार्थियों को मृतक के रूप में दर्ज कर उनकी पेंशन बंद कर दी गई। उदाहरण के लिए, हरदोई जिले में सत्यापन के दौरान यह पाया गया कि लगभग 13,000 से अधिक मृतकों के नाम पर पेंशन दी जा रही थी। इसके अलावा, 45,000 से अधिक लाभार्थी ऐसे भी थे जिनके पते सत्यापन में गलत निकले​।

जीवित बुजुर्ग मृत घोषित, अब खुद को साबित करने की जद्दोजहद
सोनभद्र के शक्तिनगर की कांता और म्योरपुर के नधिरा गांव निवासी 65 वर्षीय दूधनाथ जैसे बुजुर्ग भी इस गलती के शिकार बने। सत्यापन में उन्हें मृत घोषित कर पेंशन बंद कर दी गई, जबकि वे आज भी जीवित हैं। आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे दूधनाथ ने बताया कि पेंशन का पैसा उनके इलाज और जीवनयापन में सहायक था, जो अब बंद हो चुका है। इसी तरह कांता को भी मृत घोषित कर दिया गया था, जिसके चलते उनकी पेंशन रुक गई। अब वे अपने जीवित होने का सबूत देने के लिए भटकने को मजबूर हैं​।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया
जिला समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर यादव ने इसे मानवीय भूल बताया और आश्वासन दिया कि सुधार किया जा रहा है। वहीं, बीडीओ हेमंत सिंह ने बताया कि कुछ मामलों में सत्यापन के समय गांव में व्यक्ति की मौजूदगी न होने के कारण उनके नाम पर ‘मृतक’ का चिन्ह लगाया गया था। लेकिन, अब जिन लोगों की पेंशन रुकी है, वे अपने जीवित होने के दस्तावेज लेकर पुनः सत्यापन करा सकते हैं ताकि उनकी पेंशन फिर से शुरू हो सके​।

नए दिशा-निर्देश और केवाईसी अनिवार्यता
हरदोई जिले में सामने आए मामलों के बाद समाज कल्याण विभाग ने लाभार्थियों की पेंशन दोबारा से चालू करने के लिए केवाईसी (KYC) प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया है। राशन कार्ड के माध्यम से लाभार्थियों का वेरिफिकेशन कराते हुए उनके आधार कार्ड की जानकारी प्राप्त करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे भविष्य में ऐसे मामलों से बचा जा सके​।

अधिकारियों से बुजुर्गों की मांग
बुजुर्ग लाभार्थियों ने अधिकारियों से अपील की है कि सत्यापन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए और उन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए जिनकी वजह से ये गड़बड़ियां हुईं। चंद्रपाल जैसे बुजुर्ग, जिन्हें कौशांबी जिले में मृत घोषित कर दिया गया था, अपने जीवित होने के सबूत लेकर डीएम के पास गए। डीएम ने इस मामले में जांच के आदेश देते हुए कहा कि लापरवाही के दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी​।