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सुप्रीम कोर्ट ने सेक्स ट्रैफिकिंग पीड़ितों के पुनर्वास पर जोर दिया, सरकार से रूपरेखा तैयार करने की अपील



अजय त्यागी 2024-11-15 08:49:11 दिल्ली

सेक्स ट्रैफिकिंग: एक संवेदनशील मुद्दा - Photo : Bar and Bench
सेक्स ट्रैफिकिंग: एक संवेदनशील मुद्दा - Photo : Bar and Bench
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सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम निर्णय में सेक्स ट्रैफिकिंग के पीड़ितों के लिए पुनर्वास प्रक्रिया के निर्माण पर जोर दिया है। कोर्ट ने सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि इस मामले में एक ठोस कानूनी और सामाजिक ढांचा तैयार किया जाए, ताकि ट्रैफिकिंग के शिकारों को उचित संरक्षण और सहायता मिल सके। इस मुद्दे को लेकर कानून में खामियों को दूर करने की आवश्यकता पर भी अदालत ने गहरी चिंता जताई।

सेक्स ट्रैफिकिंग: एक संवेदनशील मुद्दा
कोर्ट ने इसे एक अत्यंत संवेदनशील मामला मानते हुए कहा कि ट्रैफिकिंग मानवाधिकारों का उल्लंघन करती है और इससे पीड़ितों का जीवन, स्वतंत्रता और सुरक्षा पूरी तरह से खतरे में पड़ जाते हैं। विशेष रूप से महिलाएं और बच्चे इस अपराध का सबसे ज्यादा शिकार होते हैं। न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और पंकज मितल की पीठ ने इस बात को स्वीकार किया कि इस मामले में अधिक प्रभावी और समर्पित कदम उठाए जाने की जरूरत है।

विकसित सुरक्षा और पुनर्वास संरचना की आवश्यकता
सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में पहले दिए गए आदेश का हवाला देते हुए कहा कि ट्रैफिकिंग से निपटने के लिए एक व्यवस्थित जांच एजेंसी (OCIA) का गठन किया गया था, लेकिन सरकार ने इसके स्थान पर एनआईए एक्ट में संशोधन किया है। कोर्ट ने कहा कि यह संशोधन पीड़ितों के संरक्षण के लिए पर्याप्त नहीं है क्योंकि यह केवल अपराधियों की सजा तक सीमित रहता है, जबकि पीड़ितों को सुरक्षा, देखभाल और पुनर्वास की जरूरत है।

कानूनी ढांचे में कमी पर कोर्ट का गहरा चिंतन
कोर्ट ने यह भी नोट किया कि संसद में इस मुद्दे पर एक विधेयक प्रस्तुत किया गया था, लेकिन वह पारित नहीं हो सका। अब, सरकार से यह सुनिश्चित करने की मांग की गई है कि इस मुद्दे पर जल्द से जल्द एक ठोस कानूनी ढांचा तैयार किया जाए, जो पीड़ितों को न्याय दिलाने के साथ-साथ उन्हें समाज में पुनः स्थापित करने में मदद कर सके।

आगे की कार्यवाही और उम्मीदें
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय महाधिवक्ता आशीर्वरी भाटी से इस मामले में आगे की कार्रवाई पर रिपोर्ट पेश करने को कहा और अगले आदेश के लिए 10 दिसंबर की तारीख तय की है। साथ ही, कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि साइबर के जरिए हो रहे सेक्स ट्रैफिकिंग के मामलों पर विशेष ध्यान दिया जाए।


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