Sun, 29 December 2024 11:09:08pm
जैसे ही सर्दियों की शुरुआत होती है, ओडिशा के चिलिका झील में प्रवासी पक्षियों का आगमन तेजी से बढ़ने लगता है। अक्टूबर की शुरुआत से ही यहाँ पर ग्लॉसी आइबिस, पर्पल मुर्गन, पिनटेल, गॉडविट, और ब्लैक-विंग्ड स्टिल्ट जैसी करीब 65 प्रजातियों के पक्षी पहुंच चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, इन पक्षियों की संख्या में भी इज़ाफ़ा होगा। चिलिका भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है और प्रवासी पक्षियों के लिए एक प्रमुख शीतकालीन निवास स्थान है।
पक्षियों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने की तैयारी
चिलिका वाइल्डलाइफ डिविजन के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) अम्लान नायक ने बताया कि ओडिशा का वन विभाग इन प्रवासी पक्षियों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने पर विशेष ध्यान दे रहा है। उन्होंने कहा कि पक्षी उन जगहों पर बसेरा कर रहे हैं जहां कम पानी और खाने की प्रचुरता है। इसके लिए विभाग ने जलीय पौधों की देखभाल और उचित आवास प्रदान करने के लिए विशेष व्यवस्था की है। चिलिका झील के विभिन्न क्षेत्रों में इन पक्षियों के बढ़ते झुंड देखे जा सकते हैं, जिससे झील का दृश्य और भी मोहक हो जाता है।
पक्षियों की सुरक्षा के लिए वन विभाग की कड़ी निगरानी
प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा और संरक्षण के मद्देनज़र, वन विभाग ने दिन-रात गश्त और सख्त निगरानी की व्यवस्था की है। वन अधिकारियों के मुताबिक, चिलिका के संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था और भी मजबूत की गई है ताकि इन पक्षियों को शिकारियों और अन्य खतरों से बचाया जा सके। वन विभाग का यह कदम पक्षियों की संख्या को बढ़ाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में कारगर साबित हो रहा है। चिलिका झील के विकास प्राधिकरण के अनुसार, यह क्षेत्र न केवल प्रवासी पक्षियों का आवास है बल्कि यह जैव विविधता का एक प्रमुख केंद्र भी है जहां कई दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियाँ देखी जाती हैं।
चिलिका: जैव विविधता का अद्वितीय केंद्र
चिलिका झील जैव विविधता के मामले में भारत का एक अद्वितीय स्थल है, और यह प्रवासी जलपक्षियों के लिए पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे बड़ा शीतकालीन आवास स्थल है। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) के रेड लिस्ट में दर्ज कुछ दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियाँ भी यहाँ देखी जा सकती हैं। यह झील पक्षियों के जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हर साल यहाँ अपनी यात्रा पूरी करने के लिए हजारों किलोमीटर का सफर तय करते हैं।
वन विभाग की अपील: प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा में सहयोग करें
वन विभाग और चिलिका विकास प्राधिकरण ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों से अपील की है कि वे इन पक्षियों की सुरक्षा में सहयोग करें और झील की जैव विविधता को बनाए रखने के प्रयासों में योगदान दें। विभाग ने लोगों से झील के आसपास किसी भी प्रकार की गंदगी न फैलाने और प्राकृतिक आवासों को नुकसान न पहुंचाने की अपील की है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा है कि विभाग द्वारा किए जा रहे सुरक्षा इंतज़ामों और गश्त का उद्देश्य इन पक्षियों को सुरक्षित रखना है।
#WATCH | Odisha: Migratory birds begin arriving in Chilika, as the onset of winter begins. Glossy ibis, Purple moorhen, Pintail, Godwit, Great egret, Medium egret, Bronze wing jacana, Black wing stilt, Cormorants and various other kinds of birds seen. pic.twitter.com/SOidXjMKLl
— ANI (@ANI) November 18, 2024