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अस्पतालों में आग से बचाव के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय का कड़ा निर्देश: अग्नि सुरक्षा क्षमता बढ़ाने के निर्देश



अजय त्यागी 2024-11-19 03:26:45 दिल्ली

प्रतीकात्मक फोटो : Internet
प्रतीकात्मक फोटो : Internet
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हाल ही में झांसी मेडिकल कॉलेज के नवजात आईसीयू में हुए दर्दनाक अग्निकांड के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने-अपने अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा प्रबंधों को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। इस हादसे में कम से कम 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई, जिससे स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर के स्वास्थ्य केंद्रों में अग्नि सुरक्षा को लेकर चेतावनी जारी की है।

स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव का राज्यों को पत्र
19 नवंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर अस्पतालों में आग से बचाव के इंतजामों की समीक्षा करने और आवश्यकतानुसार सुधार की अपील की। उन्होंने उल्लेख किया कि इससे पहले भी मंत्रालय द्वारा मार्च, मई, जून और जुलाई में राज्यों को इसी संदर्भ में सूचनाएं भेजी जा चुकी हैं, जिसमें अस्पतालों में आग से बचाव और रखरखाव के दिशा-निर्देश साझा किए गए थे।

झांसी मेडिकल कॉलेज में अग्निकांड का दुखद परिणाम
15 नवंबर को झांसी मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में आग लगने से लगभग 10 नवजात शिशुओं की मृत्यु हो गई, जबकि कई अन्य झुलस गए। घटना के समय NICU में लगभग 54 नवजातों का इलाज चल रहा था। इस घटना ने अस्पतालों की अग्नि सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इसके बाद ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को अग्नि सुरक्षा क्षमता बढ़ाने के निर्देश जारी किए।

अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा का निर्देश
पत्र में स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा की तैयारियों की तुरंत समीक्षा करने, और कर्मचारियों को अग्नि सुरक्षा नियमों, निकासी प्रक्रियाओं, और आग बुझाने के उपकरणों के उपयोग में प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सभी अस्पतालों में नियमित रूप से अग्नि सुरक्षा अभ्यास और निकासी योजनाओं को लागू करने का भी आदेश दिया गया है।

फायर प्रिवेंशन के लिए विशेष दिशा-निर्देश
स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों में विशेष रूप से बिजली के सिस्टम की नियमित जांच, और स्मोक अलार्म एवं फायर एक्सटिंग्विशर जैसी अग्नि सुरक्षा प्रणालियों को स्थापित और रखरखाव करने का प्रावधान है। इन उपकरणों को नियमित रूप से जांचा जाना और उनकी समाप्ति तिथि की पुष्टि करना भी अनिवार्य बताया गया है, ताकि आपातकालीन स्थितियों में इनका प्रभावी रूप से उपयोग किया जा सके।

जिला स्तर पर निगरानी समिति की स्थापना का निर्देश
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को जिले स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है। यह समिति स्वास्थ्य, अग्निशमन, और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के सहयोग से अस्पतालों में आग सुरक्षा निरीक्षण की जिम्मेदारी संभालेगी और कानून के अनुसार लापरवाही बरतने वाले अस्पतालों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी।

स्वास्थ्य मंत्रालय का सख्त संदेश
इस पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय का यह संदेश स्पष्ट है कि स्वास्थ्य सुविधाओं में अग्नि सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंत्रालय की प्राथमिकता सभी स्वास्थ्य केंद्रों में सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना है ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।