Sun, 29 December 2024 06:33:55am
साइबर फ्रॉड और अंतरराष्ट्रीय अपराधों के खिलाफ भारत ने एक बड़ा कदम उठाया है। 17,000 व्हाट्सएप अकाउंट्स, जिनका इस्तेमाल साइबर क्राइम और धोखाधड़ी के लिए हो रहा था, अब ब्लॉक कर दिए गए हैं। इस अभूतपूर्व कार्रवाई ने डिजिटल अपराध के खिलाफ लड़ाई में एक नई मिसाल कायम की है।
साइबरक्राइम नेटवर्क पर कसा शिकंजा
भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) और दूरसंचार विभाग (DoT) ने एक संयुक्त अभियान में 17,000 व्हाट्सएप अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया। ये अकाउंट्स दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से ऑपरेट हो रहे थे और धोखाधड़ी वाले कॉल सेंटर्स से जुड़े थे। इनमें से कई अकाउंट्स का इस्तेमाल चीनी कसीनो हब्स से संचालित साइबर अपराधों के लिए किया जा रहा था।
कैसे हुआ खुलासा?
इस ऑपरेशन की शुरुआत नागरिकों से मिली शिकायतों के आधार पर हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन अकाउंट्स का इस्तेमाल स्पैम मैसेज और फर्जी कॉल के जरिए भारतीय नागरिकों को धोखा देने के लिए किया जा रहा था। खासकर जनवरी 2024 के बाद इनमें बढ़ोतरी देखी गई।
मानव तस्करी से भी जुड़े तार
जांच में एक और चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। ये साइबर अपराधी भारत के युवाओं को झूठे नौकरी के वादों के जाल में फंसाकर कंबोडिया, लाओस और थाईलैंड जैसे देशों में ले जाते थे। वहां उन्हें साइबर धोखाधड़ी और अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल किया जाता था। इस अभियान ने न केवल साइबर अपराध को रोका, बल्कि कई पीड़ितों को भी बचाया।
तकनीकी समाधान और नई पहलें
दूरसंचार विभाग ने हाल ही में "इंटरनेशनल इनकमिंग स्पूफ कॉल्स प्रिवेंशन सिस्टम" लॉन्च किया है। इसकी मदद से 24 घंटों में 1.35 करोड़ फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल्स को ब्लॉक किया गया। इसके साथ-साथ I4C ने वित्तीय साइबर धोखाधड़ी की शिकायतों के समाधान के लिए एक विशेष हेल्पलाइन "1930" भी शुरू की है।
साइबर अपराधियों के नए हथकंडे
साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर जनता को निशाना बनाते हैं। फर्जी सरकारी अधिकारी बनकर कॉल करना, डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाना, या वित्तीय लेन-देन में धोखाधड़ी जैसे मामले आम हो गए हैं। ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाने की जरूरत को संसद सदस्य सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी स्वीकार किया है।
सरकार की ठोस पहल
गृह मंत्रालय ने मई 2024 में एक अंतर-मंत्रालयी समिति बनाई थी, जो दक्षिण-पूर्व एशिया में हो रहे ट्रांसनेशनल साइबर अपराधों की जांच करती है। I4C ने अब तक 60,000 से अधिक साइबर अपराध से जुड़े ऑनलाइन कंटेंट्स को हटा दिया है और 6 लाख मोबाइल नंबर और 1.1 लाख डिवाइस ब्लॉक किए हैं।