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संभल शाही जामा मस्जिद विवाद: साम्प्रदायिकता और हिंसा का दौर, हिंसा में चार की मौत, कई गिरफ्तार



अजय त्यागी 2024-11-25 04:09:19 उत्तर प्रदेश

साम्प्रदायिकता और हिंसा का दौर
साम्प्रदायिकता और हिंसा का दौर
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उत्तर प्रदेश के संभल शहर में रविवार को हुए दंगों ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। विवाद का केंद्र था शाही जामा मस्जिद, जहां सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी। स्थिति इतनी बिगड़ी कि इंटरनेट सेवाएं बंद करनी पड़ीं और सख्त निषेधाज्ञा लागू की गई।

सर्वे पर विवाद और हिंसा की शुरुआत
शाही जामा मस्जिद पर विवाद तब शुरू हुआ जब एक याचिका में दावा किया गया कि मस्जिद 1529 में एक प्राचीन हिंदू मंदिर को गिराकर बनाई गई थी। इस याचिका के आधार पर अदालत ने सर्वे का आदेश दिया। सर्वे के दौरान स्थानीय लोग इकट्ठा होकर नारेबाजी करने लगे, जिससे हिंसा भड़क उठी। पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। इस दौरान चार लोगों की मौत हो गई और 22 पुलिसकर्मी समेत दर्जनों लोग घायल हो गए।

राजनीतिक हस्तियां विवाद के घेरे में
हिंसा के बाद पुलिस ने सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल मेहमूद के बेटे नवाब सुहैल इकबाल समेत 400 लोगों पर केस दर्ज किया। पुलिस ने बताया कि सात प्राथमिकी दर्ज हुई हैं, जिनमें 2,750 अज्ञात लोग भी शामिल हैं। इन पर गैंगस्टर एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप
भाजपा के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने विपक्ष पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह घटना लोकतंत्र पर कलंक है और दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलना चाहिए। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच दरार पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मामले में हस्तक्षेप की मांग की।

हिंसा के बाद की स्थिति और प्रशासनिक कदम
हिंसा के बाद शहर में तनाव बरकरार है। पुलिस ने 21 लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके घरों से हथियार बरामद किए हैं। इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और स्कूलों को अगले आदेश तक बंद रखा गया है। प्रशासन ने बाहरी लोगों की एंट्री पर 1 दिसंबर तक प्रतिबंध लगा दिया है।

वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा 
संभल में हुई पत्थरबाजी की घटना पर वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन कहते हैं, "वहां कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सर्वे किया गया था और उसके बाद वहां भीड़ जमा होने लगी। नारेबाजी बाद में अराजकता में बदल गई और पथराव शुरू हो गया... कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और प्रशासन ने बहुत शांति से स्थिति को संभाला। यहां तक ​​कि मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने भी शांति बनाए रखने की अपील की... इसके बावजूद भीड़ ने पथराव किया... यह साजिश का हिस्सा था और स्थानीय लोगों ने भीड़ को सर्वे टीम को निशाना बनाने के लिए उकसाया..."

मामले में पुलिस अधीक्षक ने बताया 
संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई कहते हैं, "हमारे सब-इंस्पेक्टर दीपक राठी जो कल घायल हो गए थे, उन्होंने 800 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। जिया उर रहमान बर्क और सोहेल इकबाल को आरोपी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने भीड़ को उकसाया। बर्क को पहले भी नोटिस दिया गया था। उन्होंने पहले भी भड़काऊ भाषण दिए थे और उन्हें ऐसा न करने के लिए कहा गया था... घटना में 15 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं... अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मामले में डीआईजी का बयान 
संभल में हुई पत्थरबाजी की घटना पर मुरादाबाद रेंज के डीआईजी मुनिराज जी कहते हैं, "संभल में मौजूदा स्थिति शांतिपूर्ण है। महत्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस तैनात की गई है। कल रात हमने तीन मौतों की पुष्टि की थी, लेकिन आज मुरादाबाद में इलाज के दौरान एक और व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। कुल 4 मौतें हुई हैं। स्थिति को देखते हुए हम इंटरनेट पर रोक हटा देंगे। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। मैं संभल के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। कुल चार एफआईआर दर्ज की गई हैं..."

विवाद के पीछे की कहानी
विवाद की जड़ें 19 नवंबर से शुरू हुईं, जब मस्जिद का पहला सर्वे कोर्ट के आदेश पर हुआ। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन का दावा है कि मस्जिद की संरचना में ऐसे कई चिन्ह मौजूद हैं जो यह दर्शाते हैं कि यह पहले मंदिर था। उन्होंने पुरातात्विक सर्वेक्षण की मांग भी की है।

सुरक्षा के बीच आगे की कार्यवाही
स्थानीय एसपी कृष्ण कुमार ने चेतावनी दी कि धारा 144 लागू है और कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अदालत इस मामले पर 29 नवंबर को सुनवाई करेगी।