Wed, 01 January 2025 09:35:59pm
बीकानेर में शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ का अनिश्चितकालीन धरना 22वें दिन भी जारी है। मंत्रालयिक संवर्ग की पदोन्नति और डीपीसी जैसे अहम मुद्दों पर राज्य सरकार की अनदेखी ने कर्मचारियों को आक्रोशित कर दिया है। संघ ने आंदोलन के अगले चरण में 28 नवंबर को जयपुर में सचिवालय से मुख्यमंत्री और राज्यपाल निवास तक पैदल मार्च का ऐलान किया है।
धरने का मुख्य मुद्दा: रिव्यु डीपीसी और ऑनलाइन काउंसलिंग
शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमलनारायण आचार्य ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्रालयिक संवर्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों को डीपीसी (डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी) की प्रक्रिया और ऑनलाइन काउंसलिंग के जरिए पदस्थापन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे न केवल हजारों कर्मचारी प्रमोशन से वंचित हो रहे हैं, बल्कि हर महीने उन्हें 5000-8000 रुपये का नुकसान हो रहा है।
धरने की वर्तमान स्थिति और समर्थन
धरने में संघ के कई वरिष्ठ नेता और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं। इनमें मदन मोहन व्यास, महेन्द्र पांडे, कोडाराम भादू, और जितेन्द्र गहलोत जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। इन नेताओं ने कर्मचारियों की मांगों के प्रति सरकार के उदासीन रवैये की निंदा की है।
संघ का प्रशासन को कड़ा संदेश
धरने के दौरान संघ ने राज्य सरकार को ईमेल और ज्ञापन के जरिए सूचित किया है कि उनकी मांगें अगर 25 नवंबर तक पूरी नहीं होती हैं, तो 28 नवंबर को जयपुर में बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। सुबह 11 बजे से सचिवालय से मुख्यमंत्री और राज्यपाल निवास तक पैदल मार्च किया जाएगा।
राजनीतिक हस्तक्षेप का प्रयास
धरना स्थल पर चर्चा के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के कार्यालय को शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल ने 25 नवंबर से पहले मुद्दों का समाधान करने का वादा किया था। हालांकि, अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ गया है।
आंदोलन के बढ़ते दायरे की संभावना
अगर राज्य सरकार जल्द ही कोई ठोस निर्णय नहीं लेती, तो यह आंदोलन बड़े पैमाने पर प्रदेशभर के मंत्रालयिक संवर्ग को जोड़ सकता है। कर्मचारियों का कहना है कि वे अपनी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखेंगे।