Sun, 29 December 2024 11:47:58pm
राजस्थान में सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में धांधली के मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने बड़ी कार्रवाई की है। एसओजी ने तीन शारीरिक शिक्षक (पीटीआई) और एक व्याख्याता को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने डमी अभ्यर्थियों के माध्यम से सरकारी नौकरियां प्राप्त की थीं।
डमी अभ्यर्थियों के माध्यम से नौकरी प्राप्ति
एसओजी को व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर शिकायत मिली थी कि कुछ पीटीआई ने डमी अभ्यर्थियों के माध्यम से नौकरी प्राप्त की है। जांच के दौरान पता चला कि गुड़ामालानी निवासी स्वरूपाराम, धानता (सांचौर) निवासी भारमलराम और दांतीवास (जालोर) निवासी लादूराम ने अपनी जगह डमी अभ्यर्थियों को बैठाया और उनके फोटो व हस्ताक्षर का उपयोग किया। इन तीनों को गिरफ्तार किया गया है।
डिग्रियों में अनियमितताएं और फर्जीवाड़े की आशंका
जांच में यह भी सामने आया कि इन आरोपियों ने आवेदन पत्र में किसी अन्य विश्वविद्यालय की बीपीएड डिग्री का उल्लेख किया था, जबकि दस्तावेज सत्यापन के समय किसी अन्य विश्वविद्यालय की डिग्री प्रस्तुत की। इससे डिग्रियों में अनियमितताएं और फर्जीवाड़े की आशंका जताई जा रही है।
व्याख्याता भर्ती में भी डमी अभ्यर्थी का मामला
एसओजी ने राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर की वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में भी डमी अभ्यर्थी के माध्यम से परीक्षा देने के मामले का खुलासा किया। मूल अभ्यर्थी राजेंद्र कुमार की जगह सांचौर के राजीव नगर निवासी कमल विश्नोई ने डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा दी थी। कमल विश्नोई वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, अरणाय (जालोर) में व्याख्याता (जीव विज्ञान) के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें भी गिरफ्तार किया गया है।
एसओजी की कार्रवाई और रिमांड
एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2022 के तहत प्रकरण दर्ज किए गए हैं। स्वरूपाराम और भारमल को सात दिन की रिमांड पर लिया गया है, जबकि कमल विश्नोई को भी गिरफ्तार किया गया है।
यह घटनाक्रम दर्शाता है कि भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बनाए रखना और योग्य उम्मीदवारों को अवसर प्रदान करना अत्यंत आवश्यक है। एसओजी की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि भर्ती प्रक्रियाओं में किसी भी प्रकार की धांधली को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।