Mon, 30 December 2024 12:12:30am
मद्रास हाई कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि GST असेसमेंट ऑर्डर को चुनौती देने की समयसीमा तब से शुरू होती है जब संबंधित सुधार आवेदन खारिज किया जाता है। यह आदेश न्यायमूर्ति के. कुमारेश बाबू ने दिया, जो करदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शन है।
मामले का विवरण:
इस मामले में, करदाता ने एक शो कॉज नोटिस का विस्तृत उत्तर दिया, जिसके आधार पर विवादित आदेश पारित किया गया। बाद में, करदाता ने सुधार आवेदन दायर किया, जिसे विभाग ने खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि उठाए गए मुद्दे मूल असेसमेंट ऑर्डर को चुनौती देने के समान थे। करदाता ने मद्रास हाई कोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी।
न्यायालय का निर्णय:
न्यायमूर्ति के. कुमारेश बाबू ने कहा, "असेसमेंट ऑर्डर को चुनौती देने की समयसीमा सुधार आवेदन खारिज होने की तिथि से शुरू होती है।" उन्होंने आगे कहा कि जब सुधार आवेदन खारिज हो जाता है, तो अपील की समयसीमा उसी दिन से शुरू होती है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
यह निर्णय करदाताओं के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे यह स्पष्ट होता है कि सुधार आवेदन खारिज होने के बाद ही असेसमेंट ऑर्डर को चुनौती देने की समयसीमा शुरू होती है। इससे करदाताओं को अपने अधिकारों की रक्षा करने का उचित अवसर मिलता है।
मद्रास हाई कोर्ट का यह आदेश GST असेसमेंट ऑर्डर को चुनौती देने की प्रक्रिया को स्पष्ट करता है। करदाताओं को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए इस निर्णय का ध्यान रखना चाहिए।