Sun, 29 December 2024 11:23:35pm
राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि केवल नकारात्मक पुलिस सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर भारतीय नागरिक को उनके कानूनी अधिकार, यानी पासपोर्ट, से वंचित नहीं किया जा सकता। न्यायमूर्ति अनुप कुमार धांद ने मामले में सवित्री शर्मा बनाम भारत संघ एवं अन्य (S.B. Civil Writ Petition No. 2602/2024) में यह आदेश दिया।
मामले का विवरण:
याचिकाकर्ता, सवित्री शर्मा, ने अपने समाप्त हुए पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था, जिसे क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने नकार दिया। नकार का कारण पुलिस रिपोर्ट थी, जिसमें उनकी नागरिकता "संदिग्ध" बताई गई थी, हालांकि उनके पास भारतीय नागरिकता के कई दस्तावेज थे, जैसे जन्म प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, और पैन कार्ड।
न्यायालय की टिप्पणियाँ:
न्यायमूर्ति धांद ने कहा, "याचिकाकर्ता भारत में जन्मी हैं, उनके पास वैध दस्तावेज हैं, और उनकी नागरिकता पर संदेह का कोई आधार नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा, "पासपोर्ट रोकना व्यक्ति की यात्रा करने की स्वतंत्रता को प्रभावी रूप से छीनना है, जो कानून द्वारा गारंटीकृत है।"
निर्णय:
न्यायालय ने सवित्री शर्मा के पासपोर्ट नवीनीकरण आवेदन को अस्वीकार करने के आदेश को रद्द कर दिया और क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय को आठ सप्ताह के भीतर नवीनीकरण प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया। भविष्य में, यदि ठोस साक्ष्य सामने आते हैं, तो ही आगे की कार्रवाई की जा सकती है, जिससे प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।