Mon, 30 December 2024 12:12:08am
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग की तीन सदस्यीय टीम ने आज घटनास्थल का दौरा किया। इस टीम में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार अरोड़ा, पूर्व यूपी डीजीपी अरविंद कुमार जैन, और सेवानिवृत्त मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद शामिल हैं।
घटना का संदर्भ:
24 नवंबर 2024 को, स्थानीय अदालत के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर के नेतृत्व में एक टीम ने जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया था। इस दौरान, मस्जिद के बाहर हजारों की संख्या में लोग एकत्रित हो गए और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, जिससे चार लोगों की मृत्यु हो गई और कई पुलिसकर्मी घायल हुए।
न्यायिक आयोग का गठन:
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। इस आयोग की अध्यक्षता इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार अरोड़ा कर रहे हैं, जबकि अन्य सदस्य पूर्व यूपी डीजीपी अरविंद कुमार जैन और सेवानिवृत्त मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद हैं।
जांच प्रक्रिया:
न्यायिक आयोग की टीम ने आज संभल जिले में जामा मस्जिद का दौरा किया और घटनास्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान, मुरादाबाद डिवीजन के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह और डीआईजी मुनिराज जी भी उनके साथ थे। टीम ने जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई से घटना के बारे में जानकारी ली।
रिपोर्ट की समयसीमा:
न्यायिक आयोग को दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। हालांकि, यदि आवश्यक हुआ तो समयसीमा में विस्तार के लिए सरकार की अनुमति की आवश्यकता होगी।
भविष्य की कार्रवाई:
जांच के बाद, आयोग यह निर्धारित करेगा कि हिंसा सुनियोजित थी या अचानक हुई, पुलिस सुरक्षा के प्रबंध उचित थे या नहीं, और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
Uttar Pradesh: A judicial commission team, comprising retired High Court judge D.K. Arora, former UP DGP Arvind Kumar Jain, and retired Chief Secretary Amit Mohan Prasad, has reached Sambhal's Jama Masjid to investigate recent violence. The report will be submitted within two… pic.twitter.com/fuHNtFxDdE
— IANS (@ians_india) December 1, 2024