Wed, 01 January 2025 09:55:44pm
सीमा सुरक्षा बल (BSF) आज 1 दिसंबर 2024 को अपना 60वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस अवसर पर बीकानेर सेक्टर मुख्यालय में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया। इन आयोजनों में महिला सशक्तिकरण, नशा मुक्ति और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया।
महिला सशक्तिकरण सेमिनार: प्रहरी संगिनियों के लिए नई दिशा
29 नवंबर 2024 को बीएसएफ वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन ने महिला सशक्तिकरण पर एक सेमिनार आयोजित किया। इसमें बाहर से आए विशेषज्ञों ने बीएसएफ की महिला कर्मियों, विशेषकर प्रहरी संगिनियों, को अपने घर की जिम्मेदारियों के साथ-साथ व्यक्तिगत और पेशेवर विकास के अवसरों के बारे में जानकारी दी। उन्हें शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के बेहतर विकल्पों के बारे में बताया गया, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
नशा मुक्ति साइकिल रैली: युवाओं में जागरूकता का संदेश
30 नवंबर 2024 को बीएसएफ ने नशा मुक्त भारत अभियान के तहत एक साइकिल रैली का आयोजन किया। इस रैली का उद्देश्य युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराना और उन्हें स्वस्थ जीवन की ओर प्रेरित करना था। डीआईजी अजय लूथरा ने बताया कि दुश्मन देश नशे के माध्यम से समाज को भ्रष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बीएसएफ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से उनकी योजनाओं को विफल किया जा रहा है।
पर्यावरण संरक्षण: 60,000 से अधिक पौधारोपण
बीएसएफ ने पर्यावरण संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अब तक 60,000 से अधिक पौधे लगाए गए हैं, जिससे क्षेत्र का हरित आवरण बढ़ा है और स्थानीय जलवायु में सुधार हुआ है। स्थापना दिवस के अवसर पर भी सेक्टर मुख्यालय में स्थानीय वृक्षों के पौधे लगाए गए, ताकि स्थानीय संस्कृति और पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित किया जा सके।
डीआईजी अजय लूथरा का संदेश: सुरक्षा के साथ सामाजिक जिम्मेदारी
डीआईजी अजय लूथरा ने कहा कि बीएसएफ केवल सीमा पर सुरक्षा का जिम्मा नहीं उठाती, बल्कि सामाजिक सरोकारों में भी सक्रिय रहती है। महिला सशक्तिकरण, नशा मुक्ति और पर्यावरण संरक्षण जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से बीएसएफ समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास कर रही है।
सीमा पार से भेजी जा रही नशे की खेप पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में डीआईजी अजय लूथरा ने कहा, "जहाँ तक सीमा पार से नशे की अवैध आवक की बात है तो इस पर भी BSF ने काफी काम किया है। जिसका नतीजा है कि दुश्मन जितना करना चाह रहा है उतना नहीं कर पा रहा है। हर बार उसकी कोशिश को नाकाम किया जा रहा है। इसमें स्थानीय पुलिस का भी हमें भरपूर सहयोग मिल रहा है। हम पूरे योजनाबद्ध तरीके से, अत्याधुनिक तकनिकी का सहयोग लेते हुए, इस दिशा में काम कर रहे हैं और जल्द ही इस पर पूरी तरह से लगाम लगाने के हमारे प्रयास हैं।"
इन आयोजनों ने बीएसएफ की बहुआयामी भूमिका को उजागर किया, जो न केवल देश की सीमाओं की रक्षा करती है, बल्कि समाज के विभिन्न पहलुओं में सक्रिय योगदान देती है।