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वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शंकरलाल स्वामी के समग्र साहित्य पर केंद्रित विशेषांक का लोकार्पण



अजय त्यागी 2024-12-02 08:36:46 स्थानीय

मरु नवकिरण का लोकार्पण समारोह
मरु नवकिरण का लोकार्पण समारोह
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बीकानेर में शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान के तत्वावधान में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शंकरलाल स्वामी के समग्र साहित्य पर केंद्रित विशेषांक का लोकार्पण समारोह स्वामी सदन में आयोजित किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने अध्यक्षता की, जबकि समीक्षक-कथाकार अशफाक कादरी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

स्वागत भाषण और डॉ. स्वामी के योगदान पर प्रकाश
कार्यक्रम की शुरुआत में संयोजक राजाराम स्वर्णकार ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। उन्होंने डॉ. स्वामी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा, "वेला है लोकार्पण, पत्रिका करे प्रकाश, जीवन सार यही सदा, श्रम गुण करे उजास। श्रेष्ठ विपुल साहित्य में, किया शब्द विन्यास, 
डा. शंकरलाल का फैले कीर्ति उजास।" स्वर्णकार ने डॉ. स्वामी के विपुल साहित्यिक योगदान की सराहना की और उनके शब्द विन्यास को श्रेष्ठ बताया।

'मरु नवकिरण' पत्रिका का विशेषांक और रचनाकारों की भूमिका
'मरु नवकिरण' पत्रिका के संपादक डॉ. अजय जोशी ने बताया कि यह त्रैमासिक पत्रिका कला, साहित्य और संस्कृति को समर्पित है। अक्टूबर-दिसंबर अंक में डॉ. शंकरलाल स्वामी के समग्र साहित्य पर केंद्रित विशेषांक प्रकाशित किया गया है, जिसमें बीस रचनाकारों ने उनके साहित्य पर आलेख लिखे हैं।

अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. स्वामी की विशिष्टता पर प्रकाश
अध्यक्षीय उद्बोधन में राजेन्द्र जोशी ने डॉ. स्वामी को एकमात्र ऐसे रचनाकार बताया, जिनके एक हाथ में स्टेथेस्कोप और दूसरे हाथ में साहित्य की कलम है। उन्होंने कहा कि डॉ. स्वामी के रचनाकर्म से शारीरिक, वैचारिक और मानसिक रोगों से निदान मिलता है। जोशी ने डॉ. स्वामी के समाज के प्रति उत्तरदायित्व को भी सराहा।

मुख्य अतिथि अशफाक कादरी की प्रेरणादायक टिप्पणी
मुख्य अतिथि अशफाक कादरी ने डॉ. स्वामी को साहित्य के ऊर्जावान लेखक बताते हुए कहा कि वे सकारात्मक विचारों से नूतन समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।

अतिथियों द्वारा सम्मान और अभिनंदन
इससे पूर्व, अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। कवयित्री ज्योति वधवा रंजना ने सस्वर वंदना प्रस्तुत की। इस अवसर पर विभिन्न संस्थाओं ने डॉ. शंकरलाल स्वामी का नागरिक अभिनंदन किया। अतिथियों ने पुष्पगुच्छ, पुष्पमालाएं, अभिनंदन पत्र, शॉल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह अर्पित कर उनका सम्मान किया।

अभिनंदन पत्र का वाचन और पत्रवाचन
अभिनंदन पत्र का वाचन कवयित्री-आलोचक डॉ. रेणुका व्यास ने किया, जबकि मरु नवकिरण के विशेषांक पर पत्रवाचन कवयित्री-कथाकार डॉ. कृष्णा आचार्य ने प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन
कार्यक्रम का संचालन कवि बाबू बमचकरी ने किया। राजस्थानी साहित्यकार डॉ. गौरीशंकर प्रजापत ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया।

सम्मानित अतिथियों की उपस्थिति
इस अवसर पर प्रो. नरसिंह बिन्नानी, मुकेश जैन, डॉ. उर्वशी धवल, दीपिका जैन, सुनीता स्वामी, दिनेश वैष्णव, श्रीकांत स्वामी, विश्वा वैष्णव, विशाल स्वामी, वैभव स्वामी, डॉ. मोहम्मद फारूक चौहान, सुभाषचन्द्र विश्नोई, डॉ. कृष्णलाल विश्नोई, मनीष कुमार जोशी, योगेन्द्र कुमार पुरोहित, महेश उपाध्याय, वरिष्ठ रंगकर्मी बी एल नवीन, हरिकिशन व्यास, डॉ. जगदीश बारहठ, चंद्रशेखर आचार्य, गोपालकुमार व्यास, अरुणा सोनी, टीकमचंद, डॉ. नमामीशंकर आचार्य, अब्दुल शकूर सिसोदिया ने फूलमालाओं से डॉ. शंकरलाल स्वामी का अभिनंदन किया।

यह कार्यक्रम डॉ. शंकरलाल स्वामी के साहित्यिक योगदान की सराहना और उनके प्रति सम्मान का प्रतीक रहा।