Sun, 29 December 2024 11:35:45pm
बीकानेर में नगर निगम की सफाई कर्मचारी भर्ती प्रक्रिया में अनुभव प्रमाण पत्रों को लेकर विवाद गहराता जा रहा था। वाल्मीकि समाज ने जिला कलेक्ट्रेट पर दो दिन से महापड़ाव डाल रखा था। समाज का कहना है कि उनकी प्रमुख मांगें, जैसे नगर निगम द्वारा जारी अनुभव प्रमाण पत्रों को पोर्टल में शामिल करना और विचाराधीन प्रमाण पत्रों को प्रक्रिया का हिस्सा बनाना, अभी तक अनसुनी हैं। समाज ने चेतावनी दी थी कि अगर इन मांगों को नहीं माना गया, तो जयपुर की तर्ज पर पूरी भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की जाएगी।
भर्ती प्रक्रिया पर रोक: 23,820 पदों पर संकट
इस बीच प्रदेश भर में हो रहे प्रदर्शनों के चलते राज्य सरकार ने प्रदेशभर में सफाई कर्मचारी भर्ती के 23,820 पदों की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। स्वायत्त शासन विभाग द्वारा 29 सितंबर को जारी भर्ती विज्ञप्ति को वापस लेने का आदेश दिया गया है। यह तीसरी बार है जब इस भर्ती प्रक्रिया को स्थगित किया गया है। फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के आरोप और प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को लेकर यह विवाद खड़ा हुआ।
वाल्मीकि समाज का आक्रोश: सरकार की मंशा पर सवाल
वाल्मीकि समाज ने इस कदम को समाज के साथ अन्याय बताया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया को बार-बार स्थगित करना बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा है। समाज के नेताओं ने स्पष्ट किया कि अनुभव प्रमाण पत्र नगर निगम की ओर से जारी किए गए थे, लेकिन उन्हें भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जा रहा है।
राज्य सरकार की चिंता: फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों की शिकायतें
विभिन्न नगरीय निकायों से फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक कुमार पाल गौतम ने आदेश जारी करते हुए भर्ती प्रक्रिया को स्थगित कर दिया। यह कदम पारदर्शिता सुनिश्चित करने और प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए उठाया गया है।
युवाओं में नाराजगी: निष्पक्ष प्रक्रिया की मांग
भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करने से बेरोजगार युवाओं में गहरी नाराजगी है। संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रदर्शनकारी युवाओं ने उन्हें भ्रष्टाचार और प्रक्रिया में बाधा का दोषी ठहराया। युवा नेता राकेश मीणा ने सरकार से मांग की कि भर्ती प्रक्रिया को जल्द से जल्द निष्पक्षता के साथ पूरा किया जाए।
वाल्मीकि समाज का संदेश: आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी
वाल्मीकि समाज ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह सिर्फ समाज का मुद्दा नहीं है, बल्कि उन सभी बेरोजगार युवाओं का मामला है जो सरकार से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।
इस सबके के बीच यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस भर्ती प्रक्रिया के निरस्त होने के बाद यह आन्दोलन क्या रुख इख्तियार करता है? इस भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ पूर्ण करने के लिए क्या राज्य सरकार दोबारा भर्ती आदेश जारी करती है?