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भारत की पहली महिला, जिन्होंने घुड़सवारी में अर्जुन पुरस्कार जीता, दिव्यकृति सिंह राठौड़ की प्रेरणादायक यात्रा



अजय त्यागी 2024-12-05 05:34:53 खेल अंतरराष्ट्रीय

अर्जुन पुरस्कार ग्रहण करतीं दिव्यकृति सिंह राठौड़
अर्जुन पुरस्कार ग्रहण करतीं दिव्यकृति सिंह राठौड़
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घुड़सवारी के क्षेत्र में भारत की पहली महिला अर्जुन पुरस्कार विजेता, दिव्यकृति सिंह राठौड़, ने अपनी कठिन मेहनत और समर्पण से न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का नाम रोशन किया है।

प्रारंभिक जीवन और परिवार
दिव्यकृति सिंह राठौड़ का जन्म 22 अक्टूबर 1999 को जयपुर, राजस्थान में हुआ। उनके पिता, विक्रम सिंह राठौड़, भारतीय सेना में अधिकारी रहे हैं और घुड़सवारी के प्रति गहरी रुचि रखते थे। उनके दादा-दादी भी भारतीय सेना में सेवा दे चुके थे, जिससे घुड़सवारी के प्रति पारिवारिक प्रेम का वातावरण बना। दिव्यकृति ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल, अजमेर से प्राप्त की और बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय के जीसस एंड मैरी कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

घुड़सवारी में प्रवेश
दिव्यकृति ने 12 वर्ष की आयु में घुड़सवारी में रुचि विकसित की। उनके परिवार के पास लगभग 80 घोड़े थे, और उनके पिता की पोलो टीम विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेती थी। जयपुर के पास स्थित उनके पैतृक घर, मुंडोटा पैलेस, में घुड़सवारी के लिए उपयुक्त वातावरण था, जहां उन्होंने अपनी पहली सवारी की और घोड़ों के साथ गहरा संबंध स्थापित किया।

प्रशिक्षण और उपलब्धियां
दिव्यकृति ने अपनी घुड़सवारी की यात्रा की शुरुआत दिल्ली हॉर्स शो में ड्रेसेज में कांस्य पदक जीतकर की। इसके बाद, उन्होंने यूरोप और अमेरिका में कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया। 2023 में, उन्होंने हांग्जो, चीन में आयोजित एशियाई खेलों में टीम ड्रेसेज में स्वर्ण पदक जीता, जिससे भारत को 41 वर्षों बाद एशियाई खेलों में घुड़सवारी में स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ। 

अर्जुन पुरस्कार प्राप्ति
2023 में, दिव्यकृति को घुड़सवारी में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 9 जनवरी 2024 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में प्रदान किया। दिव्यकृति ने इस सम्मान को अपने परिवार, कोच और घोड़ों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए स्वीकार किया। 

अंतर्राष्ट्रीय मान्यता
अंतर्राष्ट्रीय घुड़सवारी महासंघ (FEI) की ड्रेसेज विश्व रैंकिंग में मार्च 2023 में दिव्यकृति को एशिया में प्रथम और विश्व में 14वां स्थान प्राप्त हुआ। 

भविष्य की योजनाएं
दिव्यकृति वर्तमान में जर्मनी के हागन स्थित होफ कस्सेलमैन ड्रेसेज स्कूल में प्रशिक्षण ले रही हैं। उनका लक्ष्य आगामी ओलंपिक और अन्य अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करना है।

समाज में योगदान
दिव्यकृति ने राजस्थान के चुनाव आयोग द्वारा राजस्थान के चुनाव आइकन के रूप में नियुक्ति प्राप्त की है, जिससे युवा पीढ़ी को मतदान के प्रति जागरूक किया जा सके। 

पुरस्कार और सम्मान
अर्जुन पुरस्कार के अतिरिक्त, दिव्यकृति को टाइम्स ऑफ इंडिया स्पोर्ट्स अवार्ड्स 2023 में 'इक्वेस्ट्रियन राइडर ऑफ द ईयर' और 'मारवाड़ रत्न 2024' जैसे सम्मान प्राप्त हुए हैं। 

दिव्यकृति सिंह राठौड़ की यात्रा समर्पण, कठिनाई और सफलता की मिसाल है। उनकी उपलब्धियां न केवल घुड़सवारी के क्षेत्र में, बल्कि समग्र खेल जगत में प्रेरणा का स्रोत हैं।