Join our Whatsapp Group

राजस्थान में 35,794 अधिशेष शिक्षकों का समायोजन: प्रक्रिया में पारदर्शिता और शिक्षक संगठनों की भूमिका



अजय त्यागी 2024-12-05 11:24:42 राजस्थान

प्रतीकात्मक फोटो : Internet
प्रतीकात्मक फोटो : Internet
advertisement

राजस्थान सरकार ने 25 नवंबर 2024 को राज्य के सरकारी स्कूलों में अधिशेष शिक्षकों और कर्मचारियों के समायोजन की प्रक्रिया शुरू की थी। अब, 35,794 शिक्षकों और कर्मचारियों का समायोजन विभिन्न रिक्त पदों पर किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया को 14 दिसंबर को शुरू होने वाली अर्द्धवार्षिक परीक्षा से पहले पूर्ण करने का निर्णय लिया है। 

शिक्षक संगठनों की चिंताएं
शिक्षक संगठनों ने समायोजन प्रक्रिया में काउंसलिंग के बिना सीधे पदस्थापन आदेश जारी करने पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और इससे शिक्षकों को परेशानी हो सकती है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने आश्वासन दिया है कि इस पर विचार किया जाएगा और बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से समायोजन किया जाएगा। 

समायोजन के लिए गाइडलाइन का निर्माण
शिक्षा विभाग ने समायोजन प्रक्रिया के लिए एक गाइडलाइन तैयार की है, जिसके अनुसार समायोजन किया जाएगा। सभी संयुक्त निदेशकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करें ताकि किसी प्रकार की गलती या कोताही न हो। 

समायोजन के कारण
प्रदेश के स्कूलों के क्रमोन्नत होने और महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों के खुलने के बाद पहले से संचालित स्कूलों के शिक्षक अधिशेष हो गए हैं। अब समान रूप से सभी स्कूलों में शिक्षकों को लगाने के लिए प्रक्रिया की जा रही है। इसके अलावा, राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों के कई पद रिक्त पड़े हैं, जिन्हें समायोजित किया जाएगा। 

श्रीगंगानगर में प्रक्रिया की आलोचना
मंडल स्तर पर संयुक्त निदेशक के स्तर पर समायोजन प्रक्रिया की जा रही है, लेकिन बीकानेर में संयुक्त निदेशक मुख्यालय होने के बावजूद श्रीगंगानगर में कैंप किया गया है। शिक्षक संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई है और कहा है कि जब मुख्यालय बीकानेर है तो श्रीगंगानगर में प्रक्रिया क्यों की जा रही है। 

पारदर्शिता की आवश्यकता
शिक्षक संगठनों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, समायोजन प्रक्रिया में पारदर्शिता और उचित काउंसलिंग की आवश्यकता है। सरकार को इस प्रक्रिया को पारदर्शी और शिक्षकों के हित में सुनिश्चित करना चाहिए ताकि सभी पक्ष संतुष्ट हों और शिक्षा गुणवत्ता में सुधार हो सके।