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भारतीय सेना की विजय दिवस अल्ट्रा मैराथन: 405 किमी की यात्रा में नागरिक, पूर्व सैनिक और एनसीसी कैडेट्स का उत्साह



अजय त्यागी 2024-12-06 11:35:16 महाराष्ट्र

भारतीय सेना की विजय दिवस अल्ट्रा मैराथन - Photo : IANS
भारतीय सेना की विजय दिवस अल्ट्रा मैराथन - Photo : IANS
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पुणे, महाराष्ट्र – 6 दिसंबर 2024 को भारतीय सेना ने विजय दिवस के उपलक्ष्य में 405 किलोमीटर लंबी अल्ट्रा मैराथन का आयोजन किया, जो 16 दिसंबर को पुणे युद्ध स्मारक पर समाप्त होगी। इस अनूठी पहल में नागरिक, पूर्व सैनिक और एनसीसी कैडेट्स ने भाग लिया। यह अल्ट्रा मैराथन 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक माध्यम है।

अल्ट्रा मैराथन का उद्देश्य और मार्ग

इस मैराथन का मुख्य उद्देश्य 1971 के युद्ध में बलिदान देने वाले सैनिकों की वीरता को सम्मानित करना है। मैरेथन की शुरुआत 6 दिसंबर को पुणे से हुई और यह महाराष्ट्र के साथ-साथ गुजरात और गोवा के विभिन्न शहरों और कस्बों से होते हुए 16 दिसंबर को पुणे युद्ध स्मारक पर समाप्त होगी। इस दौरान प्रतिभागी भारतीय सेना की गौरवमयी यात्रा का अनुभव करेंगे और देशभक्ति की भावना को महसूस करेंगे।

भागीदारों की विविधता

इस मैराथन में नागरिकों के साथ-साथ पूर्व सैनिक और एनसीसी कैडेट्स ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह आयोजन सभी आयु समूहों और पृष्ठभूमियों के लोगों को एकजुट करता है, जो राष्ट्र की एकता और अखंडता को दर्शाता है।

समारोहों और कार्यक्रमों का आयोजन

मार्ग के विभिन्न स्थानों पर स्थानीय कार्यक्रमों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया जाएगा, जिससे प्रतिभागियों को स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का अनुभव होगा। इन कार्यक्रमों से यह मैराथन और भी रोचक और यादगार बन जाएगी।

स्वास्थ्य और सुरक्षा के उपाय

लंबी दूरी की इस मैराथन के दौरान प्रतिभागियों की स्वास्थ्य और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया। प्रत्येक चरण में चिकित्सा सहायता, जलपान केंद्र और विश्राम स्थल स्थापित किए गए हैं, जिस से प्रतिभागी सुरक्षित और स्वस्थ रह सकें।

समाप्ति और सम्मान समारोह

16 दिसंबर को पुणे युद्ध स्मारक पर मैराथन का समापन होगा, जहां सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए जाएंगे। मैराथन प्रारंभ करने से पूर्व शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें सेना के वरिष्ठ अधिकारी, प्रशासन और स्थानीय लोग शामिल हुए।

इस आयोजन से भारतीय सेना की वीरता और बलिदान को सम्मानित करने के साथ-साथ नागरिकों, पूर्व सैनिकों और एनसीसी कैडेट्स के बीच एकता और भाईचारे की भावना को भी मजबूत किया जा सकेगा।