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अहमदाबाद में साइबर क्राइम शाखा का बड़ा खुलासा: सिम कार्ड धोखाधड़ी रैकेट का पर्दाफाश, तीन आरोपी गिरफ्तार



अजय त्यागी 2024-12-08 06:28:34 गुजरात

अहमदाबाद साइबर क्राइम एसीपी हार्दिक माकडिया - Photo : ANI
अहमदाबाद साइबर क्राइम एसीपी हार्दिक माकडिया - Photo : ANI
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अहमदाबाद, गुजरात: साइबर क्राइम के खिलाफ कार्रवाई में अहमदाबाद साइबर क्राइम शाखा ने एक बड़े सिम कार्ड धोखाधड़ी रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस रैकेट का खुलासा तब हुआ जब शाहिबाग स्थित विदेशी डाकघर से एक संदिग्ध पार्सल की सूचना मिली। अहमदाबाद साइबर क्राइम शाखा के एसीपी, हार्दिक माकडिया ने बताया कि पार्सल में 55 एयरटेल सिम कार्ड पाए गए, जो दुबई भेजे जाने थे। पार्सल पर प्रेषक का पता वडोदरा का था, लेकिन जांच में वह पता फर्जी निकला।

साजिश का मुख्य सूत्रधार: राहुल शाह
जांच में यह सामने आया कि राहुल शाह इस साजिश का मुख्य आरोपी है। राहुल ग्राहकों के नाम और दस्तावेज़ों का दुरुपयोग करते हुए दो-दो सिम कार्ड जारी कटवाता था। एक सिम कार्ड ग्राहकों को दिया जाता था, जबकि दूसरा वह अपने पास रखता था। यही सिम कार्ड बाद में अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जाते थे।

अवैध नेटवर्क: कांती बलडानिया और अजय भालिया का कनेक्शन
पुलिस ने बताया कि राहुल शाह ये सिम कार्ड कांती बलडानिया को देता था। कांती इन सिम कार्डों को अजय भालिया के माध्यम से आगे दुबई भिजवाता था। दुबई में इन सिम कार्डों का इस्तेमाल एक व्यक्ति, जिसे 'नवीन' के नाम से पहचाना गया है, द्वारा किया जा रहा था। यह रैकेट सिम कार्डों का इस्तेमाल अवैध ऑनलाइन गेमिंग, सट्टेबाजी और कॉल सेंटर धोखाधड़ी में कर रहा था।

दुबई तक फैला रैकेट
एसीपी हार्दिक माकडिया ने जानकारी दी कि दुबई में इन सिम कार्डों का उपयोग कई अवैध गतिविधियों में किया जा रहा था। पुलिस को शक है कि यह रैकेट न केवल भारत और दुबई बल्कि अन्य देशों में भी सक्रिय हो सकता है। दुबई में 'नवीन' की भूमिका की जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वय किया जा रहा है।

अहमदाबाद साइबर क्राइम शाखा की कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों—राहुल शाह, कांती बलडानिया और अजय भालिया—को गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने कहा कि राहुल शाह ने ग्राहकों की निजी जानकारी का दुरुपयोग किया और इसका उपयोग वित्तीय लाभ के लिए किया। कांती और अजय ने उसे इसमें मदद की और दुबई तक इस साजिश को अंजाम दिया।

अवैध गतिविधियों में सिम कार्डों का उपयोग
जांच में पता चला कि ऐसे सिम कार्डों का उपयोग अवैध ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म, सट्टेबाजी और फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से धोखाधड़ी के लिए किया जा रहा था। ऐसे में ये सिम कार्ड अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को ठगने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते थे। पुलिस को शक है कि इस नेटवर्क के जरिए कई करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई होगी।

सुरक्षा के लिए चेतावनी
इस मामले ने निजी डेटा और सिम कार्ड सुरक्षा के प्रति चिंताएं बढ़ा दी हैं। साइबर क्राइम विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि ग्राहक अपने सिम कार्ड और निजी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए सतर्क रहें।

आगे की जांच और कानूनी कार्यवाही
पुलिस ने इस मामले में विस्तृत जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाया जा रहा है कि इस नेटवर्क से और कौन-कौन जुड़े हुए हैं। साथ ही, दुबई में मौजूद नवीन और उसके साथियों की पहचान के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मदद ली जा रही है। पुलिस यह भी जानकारी जुटा रही है कि इस से पहले कितनी बार और कितने सिम कार्ड बाहर भेजे जा चुके हैं और उनका कहाँ -कहाँ उपयोग हो रहा है।