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ऐतिहासिक उछाल: वित्त मंत्रालय ने पेश किए रिकॉर्ड आंकड़े, नई ऊंचाइयों पर आयकर विभाग का प्रदर्शन



अजय त्यागी 2024-12-12 05:07:47 दिल्ली

प्रतीकात्मक फोटो : Internet
प्रतीकात्मक फोटो : Internet
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भारत के आयकर विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में उल्लेखनीय प्रगति करते हुए करदाताओं के रिफंड प्रक्रिया को पहले से अधिक तेज और प्रभावी बनाया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 1 से नवंबर 27, 2024 के बीच कर रिफंड में 46.31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। यह न केवल आयकर विभाग की क्षमता को दर्शाता है, बल्कि करदाताओं के बढ़ते विश्वास को भी उजागर करता है।

कर रिफंड में जबरदस्त वृद्धि
इस वर्ष, कर रिफंड की कुल राशि ₹3.08 लाख करोड़ तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष के ₹2.03 लाख करोड़ के मुकाबले 46.31 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्रालय ने इसे आयकर विभाग के कुशल संचालन और सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) के प्रयासों का परिणाम बताया है।

आईटीआर प्रोसेसिंग में तेजी का नया मानक
आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 26.35 प्रतिशत आईटीआर (आयकर रिटर्न) केवल एक सप्ताह में प्रोसेस कर दिए गए, जो पिछले वर्ष के 22.56 प्रतिशत के आंकड़े से अधिक है। इस उपलब्धि ने कर प्रणाली में दक्षता और करदाताओं के समय पर अनुपालन को उजागर किया है।

आईटीआर पोर्टल ने बनाए रिकॉर्ड
इस साल, आयकर रिटर्न पोर्टल ने उल्लेखनीय कार्यक्षमता का प्रदर्शन किया। जुलाई 31, 2024 को एक ही दिन में 69.93 लाख आईटीआर फाइल किए गए। इसके अलावा, एक ही दिन में रिकॉर्ड 1.62 करोड़ आईटीआर प्रोसेस हुए। नवंबर 22, 2024 तक कुल 8.50 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए, जो पिछले साल की तुलना में 7.32 प्रतिशत अधिक हैं।

डिमांड मैनेजमेंट फैसिलिटेशन सेंटर की पहल
करदाताओं के लिए आयकर मांग प्रबंधन को सरल बनाने के उद्देश्य से, डिमांड मैनेजमेंट फैसिलिटेशन सेंटर की स्थापना की गई। यह केंद्र करदाताओं को उनकी लंबित कर मांगों से संबंधित समस्याओं के लिए एकल संपर्क बिंदु प्रदान करता है। इससे फाइलिंग प्रक्रिया तेज और प्रभावी हो गई।

विशेष पहल: लंबित रिफंड के मामलों का समाधान
विभाग ने विभिन्न मूल्यांकन वर्षों के 35 लाख असफल रिफंड मामलों को सुलझाने के लिए एक विशेष पहल की। इससे सत्यापित बैंक खातों के लिए रिफंड जारी करने की प्रक्रिया में तेजी आई और करदाताओं को राहत मिली।

सीबीडीटी की पारदर्शिता और जागरूकता अभियान
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कर प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए समय पर आंकड़े जारी करने और जागरूकता अभियान चलाने का कार्य किया। इसने न केवल करदाताओं को सुविधा दी, बल्कि कर प्रक्रिया को भी सुगम बनाया।

करदाताओं के लिए एक नई शुरुआत
कर रिफंड में यह अभूतपूर्व वृद्धि आयकर विभाग की तकनीकी प्रगति और करदाताओं की सक्रिय भागीदारी का प्रमाण है। वित्त मंत्रालय और सीबीडीटी की यह उपलब्धि कर प्रशासन में एक नई शुरुआत का संकेत देती है, जो भविष्य में और अधिक पारदर्शिता और दक्षता का वादा करती है।

Source : IANS