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संभल का शिव-हनुमान मंदिर: धरोहर और आस्था का संगम, 46 वर्षों बाद गूंजी भगवान के नाम की गूंज



अजय त्यागी 2024-12-15 05:24:10 उत्तर प्रदेश

संभल का शिव-हनुमान मंदिर - Photo : ANI
संभल का शिव-हनुमान मंदिर - Photo : ANI
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उत्तर प्रदेश के संभल जिले में प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई ने एक चमत्कारी घटना को जन्म दिया। खग्गू सराय क्षेत्र में स्थित, वर्षों से अतिक्रमण के पीछे छिपे एक प्राचीन शिव-हनुमान मंदिर का पट 46 वर्षों बाद जनता के लिए खुला। यह मंदिर 1978 के अशांत समय के बाद से बंद पड़ा था। स्थानीय समुदाय और प्रशासनिक अधिकारियों ने इसे ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना।

कल जब अतिक्रमण हटाने के अभियान के तहत कंक्रीट की दीवारें तोड़ी गईं, तब यह मंदिर अपने दिव्य स्वरूप में प्रकट हुआ। मंदिर में भगवान शिव और भगवान हनुमान की मूर्तियां थीं, और पास में एक प्राचीन कुआं भी मिला, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को और बढ़ाता है।

प्रशासनिक अधिकारी भी बने साक्षी
इस ऐतिहासिक खोज के बाद, संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई और डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने मंदिर में पूजा-अर्चना की और आरती संपन्न करवाई। एसपी बिश्नोई ने बताया, “मंदिर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और मंदिर तक जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस बल की स्थायी तैनाती की जाएगी। इससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।”

उन्होंने आगे कहा, “यह केवल धार्मिक महत्व की बात नहीं है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”

डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया ने कहा 
संभल के डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया कहते हैं, "... हम अस्थायी अतिक्रमण हटा रहे हैं और स्थायी अतिक्रमण को उचित प्रक्रिया और नोटिस के माध्यम से हटाया जाएगा... सीसीटीवी लगा दिए गए हैं। एक स्थायी बल तैनात किया गया है और पुजारी पूजा-अर्चना कर रहे हैं... झीलें सार्वजनिक संपत्ति हैं और यह एक प्राकृतिक संसाधन है... सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि इनका संरक्षण बहुत ज़रूरी है। हम नोटिस जारी करेंगे और उन्हें अतिक्रमण मुक्त करेंगे..."

एक रहस्यमय कुएं का भी हुआ उद्भव
मंदिर परिसर में मिले प्राचीन कुएं ने स्थानीय समुदाय में उत्सुकता पैदा कर दी है। मान्यता है कि यह कुआं न केवल जलस्रोत है, बल्कि इस स्थान की पवित्रता और ऐतिहासिकता को दर्शाता है। ग्रामीणों के अनुसार, इस कुएं का जल पहले पूजन-अर्चन में उपयोग होता था, और अब इसे पुनः धार्मिक कार्यों के लिए साफ-सफाई के बाद उपयोग में लाया जाएगा।

स्थानीय लोगों की धार्मिक भावना
मंदिर के पुनरुद्धार ने स्थानीय समुदाय को गौरव और आनंद से भर दिया है। स्थानीय निवासी विष्णु शरण रस्तोगी ने कहा, “हमने वर्षों तक इस मंदिर को केवल दंतकथाओं में सुना था। आज इसे पुनः देखने और यहां पूजा करने का अवसर पाकर, ऐसा लगता है जैसे हमारी परंपरा पुनः जीवित हो गई हो।”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन की सराहना
मंदिर के पुनरुद्धार को योगी आदित्यनाथ सरकार की उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। क्षेत्र के लोग इस पहल की सराहना कर रहे हैं, क्योंकि यह अभियान न केवल धार्मिक स्थलों को संरक्षित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि धार्मिक भावनाओं को भी पुनर्जीवित करता है।

आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक
इस मंदिर का पुनरुद्धार केवल एक इमारत की खोज नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और धर्म की शक्ति का प्रतीक है। भगवान शिव और भगवान हनुमान के मंदिर में गूंजती हुई आरती की ध्वनि, वर्षों से मौन पड़ी आस्था को जीवंत कर रही है।