Sun, 29 December 2024 06:22:50am
भारत विकास परिषद की विवेकानंद शाखा की प्रेरणा से रामसनेही आई बैंक को एक और नेत्रदान का पवित्र कार्य संपन्न हुआ। कांचीपुरम निवासी संजय निमोदिया की माता प्रेमलता निमोदिया, पत्नी स्वर्गीय कैलाश निमोदिया, के निधन के बाद परिजनों ने परमार्थ भाव रखते हुए नेत्रदान का निर्णय लिया।
परिवार ने मानवता की मिसाल पेश की
प्रेमलता निमोदिया के परिवार ने उनके निधन के बाद समाज के लिए प्रेरणादायक कदम उठाया। नेत्रदान से दो लोगों को नई रोशनी मिलेगी और उनके जीवन में उजाला आएगा। इस मौके पर परिवार के साथ-साथ परिषद के कई सदस्य उपस्थित रहे।
शाखा सचिव गिरीश अग्रवाल की जानकारी
भारत विकास परिषद की विवेकानंद शाखा के सचिव गिरीश अग्रवाल ने जानकारी देते हुए कहा:
"नेत्रदान एक ऐसा परमार्थ कार्य है जिससे व्यक्ति मृत्यु के बाद भी दूसरों के जीवन में उजाला फैला सकता है।"
उन्होंने प्रेमलता निमोदिया के परिवार की सामाजिक संवेदनशीलता की सराहना की और इसे समाज के लिए प्रेरणा बताया।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य लोग
इस मौके पर भारत विकास परिषद विवेकानंद शाखा के सदस्य पारसमल बोहरा, अतुल शाह, योगेश अग्रवाल, राजकुमार मेलाना आदि मौजूद रहे। सभी ने प्रेमलता निमोदिया को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिजनों के इस पुनीत कार्य की सराहना की।
नेत्रदान: जीवन की रोशनी बांटने का माध्यम
नेत्रदान जैसे सामाजिक कार्य न केवल मृत्यु के बाद किसी के जीवन को अमर बनाते हैं, बल्कि दूसरों के जीवन में नई उम्मीद जगाते हैं। भारत विकास परिषद द्वारा संचालित नेत्रदान प्रकल्प समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक मजबूत प्रयास है।
प्रेरणा का संदेश
प्रेमलता निमोदिया के परिवार द्वारा किए गए नेत्रदान ने समाज में मानवता और सेवा भाव की मिसाल पेश की है। यह कदम न केवल उनकी स्मृति को अमर बनाएगा, बल्कि दूसरों के जीवन को रोशनी से भरने का कार्य करेगा।
रिपोर्ट - पंकज पोरवाल, भीलवाड़ा