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शिक्षा विभागीय कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन धरना जारी: शिक्षा निदेशक से मिले आश्वासन के बाद भी हल नहीं निकला



अजय त्यागी 2024-12-17 10:51:52 स्थानीय

अनिश्चितकालीन धरना 44 वें दिन भी जारी
अनिश्चितकालीन धरना 44 वें दिन भी जारी
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आंदोलन ने खड़े किए सरकार के जश्न पर सवाल

राजस्थान में शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ बीकानेर के बैनर तले डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) और अन्य लंबित मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना जारी है। प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य के नेतृत्व में यह धरना शिक्षा निदेशालय, बीकानेर के सामने आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान प्रदेशाध्यक्ष ने शिक्षा निदेशक सीताराम जाट से मुलाकात कर अपनी मांगों को रखा, जहां निदेशक ने जल्द समाधान का आश्वासन दिया।

धरना और शिक्षा निदेशक से मुलाकात
शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने शिक्षा निदेशक सीताराम जाट से मुलाकात कर डीपीसी की तिथि जल्द निर्धारित करने की मांग उठाई। शिक्षा निदेशक ने संघ को आश्वस्त किया कि वे 18 दिसंबर 2024 को जयपुर में शिक्षा सचिव से मुलाकात करेंगे और डीपीसी की तिथि तय कराई जाएगी।

हालांकि, संघ के नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि आश्वासन के बावजूद जब तक ठोस कार्यवाही नहीं होती, तब तक धरना अनिश्चितकालीन रूप से जारी रहेगा।

धरने में शामिल कर्मचारी और नेता
इस धरने का नेतृत्व करते हुए कमल नारायण आचार्य ने कहा कि यह आंदोलन कर्मचारियों के अधिकारों और न्याय की लड़ाई है। धरने को समर्थन देने के लिए आज भी बड़ी संख्या में कर्मचारी और पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें राजेश व्यास, जितेंद्र गहलोत, रामचंद्र बाल्मीकि, विष्णुदत्त पुरोहित, नवरतन जोशी, शिव कुमार रावल, रघुनाथ भादाणी, बंशीलाल जोशी, राजेश पारीक, प्रवीण गहलोत, नारायण दास रंगा, विक्रम जोशी, रामरतन, जय किशन नाई, शहीद हसन, मोहम्मद हुसैन, देवराज जोशी, सोम आचार्य आदि प्रमुख नाम शामिल रहे।
 
इन सभी नेताओं और कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाते हुए कहा कि जब तक डीपीसी और अन्य लंबित मांगों का समाधान नहीं हो जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

सरकार के जश्न पर सवाल
गौरतलब है कि जहां राज्य सरकार अपने एक वर्ष के सफल कार्यकाल का जश्न मना रही है, वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग के कर्मचारी डेढ़ माह से धरने पर बैठे हैं। कर्मचारी संघ का कहना है कि यह मांगें केवल प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा हैं, फिर भी सरकार इन पर गंभीरता नहीं दिखा रही है।

कमल नारायण आचार्य ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कर्मचारियों को ऐसे मुद्दों के लिए धरने पर बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है, जिनका समाधान विभागीय स्तर पर आसानी से किया जा सकता है।

कर्मचारियों की मुख्य मांगें: 

  • डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) की तिथि जल्द से जल्द घोषित की जाए।
  • लंबित कर्मचारियों की पदोन्नति प्रक्रिया को तुरंत पूर्ण किया जाए।
  • विभागीय कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्ध समाधान लागू किया जाए।

संघ का कहना है कि डीपीसी में देरी के कारण कई कर्मचारियों का करियर प्रभावित हो रहा है।

आंदोलन का भविष्य: संघ की चेतावनी
शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कर्मचारी अपने अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे और सरकार को इस पर जल्द कदम उठाने होंगे।

समाधान की उम्मीद, फिलहाल संघर्ष जारी
शिक्षा निदेशक के आश्वासन के बाद कर्मचारियों को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन धरने की समाप्ति को लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है। कर्मचारी संघ का साफ कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।