Sun, 29 December 2024 06:19:46am
मुंबई तट के पास एक भयानक नाव दुर्घटना में 13 लोगों की जान चली गई। गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा द्वीप की ओर जा रही यह नाव क्षमता से अधिक यात्रियों के भार के कारण हादसे का शिकार हुई। हादसे में बचे पर्यटक और चश्मदीद गवाह इस भयावह घटना की कहानी बयान कर रहे हैं।
घटना का विवरण: क्या हुआ उस दिन?
बुधवार को मुंबई तट के पास नीलकमल नामक पर्यटक नाव, जो गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा द्वीप जा रही थी, भारतीय नौसेना के एक पोत से टकरा गई। यह टक्कर करंजा के पास शाम करीब 4 बजे हुई। हादसे के समय नाव में 100 से अधिक यात्री सवार थे, जबकि इसकी क्षमता केवल 84 यात्रियों की थी।
भारतीय नौसेना के मुताबिक, उनका पोत इंजन परीक्षण के लिए निकला था, लेकिन नियंत्रण खो देने के कारण यह घटना हुई।
घायलों और मृतकों की स्थिति
दुर्घटना में 13 लोगों की मौत हो गई, जिनमें नौसेना कर्मी भी शामिल हैं। 98 लोगों को भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल, मुंबई पुलिस, और सीआईएसएफ की संयुक्त बचाव टीम ने सुरक्षित निकाला।
विशेष रूप से, नाव में सवार दो जर्मन और एक कनाडाई नागरिक को सुरक्षित बचा लिया गया। पुलिस ने अब तक नौ लोगों के बयान दर्ज किए हैं। सभी 13 शवों की पहचान कर ली गई है।
ओवरलोडिंग: हादसे की मुख्य वजह
महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड के दस्तावेजों के अनुसार, नीलकमल नाव की क्षमता 84 यात्रियों और 6 चालक दल के सदस्यों की थी। इसके बावजूद नाव में 100 से अधिक लोग सवार थे। पुलिस ने कोलाबा पुलिस स्टेशन में नौका चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
दुर्घटनाग्रस्त नौसेना पोत की जांच
हादसे के तुरंत बाद नौसेना के पोत को भारतीय नौसेना की हिरासत में ले लिया गया। अधिकारी ने बताया कि जांच के लिए पोत की मांग की जाएगी। वहीं, दुर्घटनाग्रस्त नाव को दक्षिण मुंबई के भाऊचा धक्का पर ले जाया गया है।
पर्यटक और चश्मदीदों की आपबीती
नाव पर सवार पर्यटक अभी भी उस भयावह मंजर को याद कर सिहर रहे हैं। एक बचाए गए पर्यटक ने बताया, "हमारे पास भागने का कोई रास्ता नहीं था। सब कुछ अचानक हुआ। अगर तटरक्षक समय पर नहीं पहुंचते, तो हालात और भी बुरे हो सकते थे।"
प्रशासनिक प्रतिक्रिया और आगे की जांच
मुंबई पुलिस ने हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। दस्तावेज़ों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान जुटाए जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि नौका के ओवरलोड होने और सुरक्षा उपायों की कमी हादसे की मुख्य वजह है।
यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करती है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। प्रशासन और जनता दोनों को ऐसे हादसों को रोकने के लिए गंभीरता से कदम उठाने की जरूरत है।