Thu, 13 February 2025 11:59:00pm
उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू किया है, जिसमें नागरिकों की निजी सूचनाओं की गोपनीयता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। इस कदम के तहत, पंजीकरण के दौरान प्रदान की गई व्यक्तिगत जानकारी किसी भी तीसरे पक्ष के साथ साझा नहीं की जाएगी।
निजी सूचनाओं की सुरक्षा के प्रावधान
अपर सचिव गृह, निवेदिता कुकरेती ने स्पष्ट किया कि यूसीसी के तहत सेवाओं के पंजीकरण के समय दी जाने वाली निजी जानकारी, जैसे नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, धर्म, जाति आदि, किसी भी स्तर पर सार्वजनिक नहीं की जाएगी। सार्वजनिक रूप से केवल पंजीकरण की कुल संख्या ही उपलब्ध होगी, जो पोर्टल के डैशबोर्ड पर भी प्रदर्शित की जाएगी।
जानकारी तक पहुंच के नियम
यूसीसी के तहत किसी सेवा के लिए आवेदन करने वाला व्यक्ति स्वयं या किसी अन्य व्यक्ति के साथ संयुक्त आवेदन के माध्यम से केवल अपने आवेदन से संबंधित जानकारी ही प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा, किसी अन्य व्यक्ति को इन सूचनाओं तक पहुंच नहीं होगी। पंजीकरण की जानकारी संबंधित थाना पुलिस को केवल रिकॉर्ड के लिए भेजी जाएगी, और इन विवरणों तक थाना प्रभारी की पहुंच वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) की निगरानी में ही संभव होगी।
सूचनाओं के दुरुपयोग पर कार्रवाई
यदि किसी भी स्तर पर सूचनाओं का दुरुपयोग होता है, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार के सख्त प्रावधान नागरिकों की निजी जानकारी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किए गए हैं।
यूसीसी के अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान
उत्तराखंड में 27 जनवरी 2025 से लागू हुई यूसीसी के तहत विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, और 'लिव-इन' संबंधों का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। विवाह का पंजीकरण 6 महीने के भीतर करना आवश्यक होगा, और ऐसा न करने पर अधिकतम 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही, सरकारी सुविधाओं का लाभ भी नहीं मिलेगा। हालांकि, 26 मार्च 2010 से पहले की शादियों को पंजीकरण कराने की छूट दी गई है।
उत्तराखंड सरकार द्वारा लागू की गई समान नागरिक संहिता नागरिकों की निजी सूचनाओं की गोपनीयता को सुनिश्चित करने के लिए सख्त प्रावधानों के साथ आई है। इन प्रावधानों के माध्यम से नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है, जिससे उनकी निजता का सम्मान हो सके।