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राजस्थान में 150 वनस्पति बीज बैंकों की स्थापना: पर्यावरण संरक्षण और आजीविका संवर्धन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम



अजय त्यागी 2025-02-13 10:03:57 राजस्थान

भीलवाड़ा जिला परिषद सभागार में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम
भीलवाड़ा जिला परिषद सभागार में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम
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राजस्थान के चरागाहों, ओरण और वनों को हरा-भरा रखने और स्थानीय समुदायों की आजीविका बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश में 150 वनस्पति बीज बैंकों की स्थापना की गई है। इस पहल के तहत, स्थानीय पारिस्थितिकी के जानकारों, जिन्हें 'बीज गुणी' कहा जाता है, को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

भीलवाड़ा जिला परिषद सभागार में आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजसमंद, भीलवाड़ा, उदयपुर और चित्तौड़गढ़ जिलों के 70 बीज गुणियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ जिला परिषद भीलवाड़ा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंद्रभान सिंह भाटी ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बीज गुणियों के प्रशिक्षण से हम प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण में अहम योगदान दे सकेंगे। इससे स्थानीय प्रजातियों के चारा, पेड़ और औषधीय पौधों के संरक्षण के साथ-साथ बीज संग्रहण से स्थानीय लोगों को आजीविका के अवसर भी मिलेंगे।

संयुक्त प्रयास: विभाग और संस्थाओं की भूमिका

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जल ग्रहण विकास एवं भू जल संरक्षण विभाग, जयपुर, और फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी (FES), भीलवाड़ा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में वाटरशेड के अधीक्षण अभियंता आदेश कुमार मीणा, अधिशाषी अभियंता देशराज सैनी, FES के स्टेट हेड शांतनु सिन्हा, गिरधारी वर्मा, डॉ. अनिल, अलका तिर्की, राजेश टेटे, नारायण सिंह, प्रकाश शर्मा, सुनील सहित जल ग्रहण विभाग एवं अर्पण सेवा संस्थान, आईएफएफडीसी सहित राज्य के 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

बीज बैंकों की स्थापना का महत्व

वनस्पति बीज बैंकों की स्थापना से स्थानीय प्रजातियों के पौधों के बीजों का संरक्षण और संवर्धन संभव होगा। यह पहल न केवल पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद करेगी, बल्कि स्थानीय समुदायों को चारा, औषधीय पौधों और अन्य वन उत्पादों के माध्यम से आजीविका के नए साधन भी प्रदान करेगी।

बीज गुणियों की भूमिका

बीज गुणी वे स्थानीय विशेषज्ञ होते हैं, जो पारंपरिक ज्ञान और अनुभव के आधार पर बीजों के संग्रहण, संरक्षण और संवर्धन में माहिर होते हैं। इनके प्रशिक्षण से यह सुनिश्चित होगा कि बीजों की गुणवत्ता बनी रहे और वे सफलतापूर्वक अंकुरित हो सकें। इसके साथ ही, वे स्थानीय समुदायों को भी इस दिशा में जागरूक और प्रशिक्षित करेंगे।

राजस्थान में 150 वनस्पति बीज बैंकों की स्थापना पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय आजीविका संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल से न केवल प्रदेश के वन क्षेत्रों का संरक्षण होगा, बल्कि स्थानीय समुदायों को आर्थिक सशक्तिकरण का अवसर भी मिलेगा।

रिपोर्ट : पंकज पोरवाल, भीलवाड़ा।