Fri, 14 February 2025 02:58:07am
भीलवाड़ा में भारत विकास परिषद राजस्थान मध्य प्रांत की प्रेरणा से स्वर्गीय मनीष काबरा की प्रथम पुण्यतिथि पर भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति, जयपुर के सहयोग से एक भव्य तीन दिवसीय दिव्यांग सहायता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में 1031 दिव्यांगजन लाभान्वित हुए, जिनमें कृत्रिम अंग, श्रवण यंत्र, व्हीलचेयर, ट्राई साइकिल, बैसाखियां और अन्य सहायक उपकरण वितरित किए गए। शिविर के समापन के बाद सहयोगियों एवं सेवा कार्यकर्ताओं का सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें भारत विकास परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों, उद्योगपतियों और समाजसेवियों ने भाग लिया।
शिविर का उद्देश्य एवं आयोजन
यह शिविर रामधाम के पीछे काशीपुरी वकील कॉलोनी, भीलवाड़ा में महेश समिति और भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति, जयपुर के सहयोग से आयोजित किया गया था। आयोजन का प्रमुख उद्देश्य दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाना, उनके जीवन को सुगम बनाना और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना था।
भारत विकास परिषद राजस्थान मध्य प्रांत के संरक्षक रामेश्वर काबरा ने इस शिविर के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि सेवा कार्यों से बड़ा कोई धर्म नहीं है, और अपने पुत्र मनीष काबरा की स्मृति में इस शिविर का आयोजन करना उनके लिए सौभाग्य की बात है।
शिविर में लाभान्वित हुए दिव्यांगजन
तीन दिवसीय इस शिविर में कुल 1031 दिव्यांगजन को विभिन्न उपकरण प्रदान किए गए, जिनमें—
21 कृत्रिम हाथ, 93 कृत्रिम पैर, 74 कैलिपर्स, 350 श्रवण यंत्र, 155 ट्राई साइकिल, 123 व्हीलचेयर, 69 छड़ियां, 11 वॉकर, 129 बैसाखियां शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 16 फरवरी को 24 और ट्राई साइकिल वितरित की जाएंगी।
सम्मान समारोह में अतिथियों का उद्बोधन
श्याम शर्मा (पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री, भारत विकास परिषद एवं समग्र ग्राम विकास के राष्ट्रीय चेयरमैन)
उन्होंने कहा, "आज हम सभी धन इकट्ठा करने में लगे हुए हैं, लेकिन असली धन सेवा है। हमें इस बात को समझना होगा कि धन यहीं रह जाएगा, लेकिन सेवा का पुण्य हमारे साथ जाएगा।"
रामेश्वर काबरा (संरक्षक, भारत विकास परिषद राजस्थान मध्य प्रांत)
उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि "मनीष काबरा की स्मृति में इस शिविर का आयोजन करना हमारे परिवार के लिए एक सेवा का अवसर है। हम भविष्य में भी ऐसे शिविरों का आयोजन करते रहेंगे।"
तिलोकचंद्र छाबड़ा (उद्योगपति एवं समाजसेवी)
उन्होंने भारत विकास परिषद द्वारा किए जा रहे सेवा, संस्कार और समर्पण के कार्यों की सराहना की और भविष्य में भी ऐसे प्रयासों को सहयोग देने की बात कही।
ओम प्रकाश मेहरा (अतिरिक्त जिला कलेक्टर, भीलवाड़ा)
उन्होंने प्रशासन की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि दिव्यांगजनों की सहायता के लिए प्रशासन हर कदम पर परिषद के साथ है।
डॉ. चेतेन्द्र पुरी गोस्वामी (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भीलवाड़ा)
उन्होंने दिव्यांगजनों के लिए सरकारी योजनाओं एवं सुविधाओं की जानकारी दी और कहा कि दिव्यांग प्रमाण पत्र के लिए स्पेशल हेल्पलाइन की भी व्यवस्था की गई है।
शिविर की सफलता में सहयोगियों की भूमिका
इस शिविर की सफलता में भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति की पूरी टीम का विशेष योगदान रहा। समिति के फाइनेंशियल मैनेजर केएस पारीक को उनके विशेष सहयोग के लिए सम्मानित किया गया।
इसके अलावा, शिविर के आयोजन में निम्नलिखित प्रमुख लोग उपस्थित रहे—
भारत विकास परिषद राजस्थान मध्य प्रांत के अध्यक्ष गोविंद प्रसाद सोडाणी, उपाध्यक्ष नंद गोपाल शर्मा, सचिव सुनील व्यास, कोषाध्यक्ष दिनेश तिवाड़ी, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्षा लीला शर्मा, उप नर्सिंग अधीक्षक राज कुमार शर्मा, योगेश शर्मा, बलराज शर्मा, मनीष भट्ट, अनीता चौधरी, दिनेश पांडे, जगदीश सुखवाल, हितेश लखारा, रामजस चौधरी, राकेश जोशी, विमला व्यास, मनीषा बाकलीवाल, निलेश शर्मा आदि उपस्थित जनों ने परिषद के इस नेक कार्य की सराहना की और भविष्य में भी समाज के हित में कार्य करते रहने का संकल्प लिया।
सम्मान समारोह एवं भावी योजनाएं
शिविर के समापन के बाद आयोजित सम्मान समारोह में सहयोगियों, समाजसेवियों और चिकित्सा विशेषज्ञों को प्रशस्ति पत्र एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर भारत विकास परिषद के पदाधिकारियों ने घोषणा की कि परिषद दिव्यांगजनों के लिए स्थायी कृत्रिम अंग निर्माण केंद्र खोलने की योजना बना रही है। इससे दिव्यांगजन भविष्य में भी आवश्यक उपकरणों की सहायता ले सकेंगे।
भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित इस दिव्यांग सहायता शिविर ने न केवल सैकड़ों दिव्यांगजनों के जीवन में बदलाव लाया, बल्कि समाज में सेवा और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा दिया।
इस प्रकार के सेवा कार्य समाज को सशक्त बनाते हैं और यह साबित करते हैं कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है। भीलवाड़ा में आयोजित यह शिविर एक प्रेरणादायक पहल के रूप में याद रखा जाएगा।
रिपोर्ट - पंकज पोरवाल, भीलवाड़ा।