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धोखेबाजों की अब खैर नहीं! लड़की की समझदारी ने स्कैमर्स को किया हैरान, वायरल वीडियो से सीखना चाहिए



अजय त्यागी 2025-05-04 02:34:38 अजब - गजब

प्रतीकात्मक फोटो - Internet
प्रतीकात्मक फोटो - Internet
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आजकल ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए लगातार नए-नए तरीके अपना रहे हैं। ऐसा ही एक तरीका 'पिता का दोस्त' या परिचित बनकर वित्तीय सहायता या संवेदनशील जानकारी मांगना है, जिसका इस्तेमाल स्कैमर्स महीनों से कर रहे हैं। हाल ही में, एक सतर्क लड़की ने अपनी समझदारी से एक ऐसे ही स्कैमर को चकमा देकर इस धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया।

एक्स पर वायरल हुआ लड़की का चतुराई भरा कदम

माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर 13 अप्रैल को साझा किए गए एक वीडियो में, एक लड़की को फोन पर एक स्कैमर से बातचीत करते हुए दिखाया गया है। स्कैमर ने खुद को लड़की के पिता का दोस्त बताया और उससे पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा। लड़की को संदेह हुआ कि यह एक घोटाला है, इसलिए उसने स्कैमर से अधिक जानकारी निकालने के लिए उसके साथ सहयोग करने का नाटक किया।

स्कैमर की धोखाधड़ी का तरीका

स्कैमर ने लड़की को यह विश्वास दिलाने की कोशिश की कि उसके पिता ने उसे अपने यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) खाते में पैसे भेजने के लिए कहा है। उसने पूरे आत्मविश्वास के साथ दावा किया कि वह उसे यूपीआई के माध्यम से 2,000 रुपये भेजेगा। इसके बाद, उसने पहले 20,000 रुपये भेजने का दावा किया और लड़की को एक नकली एसएमएस (शॉर्ट मैसेज सर्विस) फॉरवर्ड किया। लड़की ने ध्यान से देखा कि यह संदेश उसके बैंक से नहीं, बल्कि एक निजी नंबर से आया था। फिर उस व्यक्ति ने कहा कि उसने गलती से उसे 2,000 रुपये की जगह 20,000 रुपये भेज दिए हैं, और अब वह उससे 18,000 रुपये वापस चाहता है।

लड़की ने किया नकली एसएमएस का इस्तेमाल

लड़की ने स्कैमर की चाल को भांपते हुए एक चतुराई भरा कदम उठाया। उसने उस नकली एसएमएस को एडिट किया जिसमें 18,000 रुपये वापस भेजने की बात लिखी थी और उसे स्कैमर को फॉरवर्ड कर दिया। उसने कहा, "देखो, मैंने तुम्हें 18,000 रुपये वापस भेज दिए हैं।" यह सुनकर स्कैमर पूरी तरह से हैरान रह गया। उसे अपनी चाल विफल होती दिखी, और अंततः उसने हार मान ली। फोन काटने से पहले उसने लड़की से कहा, "मान गया मैं तुम्हें, बेटा।"

साइबर सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण सलाह

यह घटना हम सभी के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है कि ऑनलाइन धोखाधड़ी से कैसे बचा जाए। यदि कोई व्यक्ति फोन या मैसेज के माध्यम से आपसे पैसे मांगे या आपकी व्यक्तिगत जानकारी जानने की कोशिश करे, खासकर यदि वह आपके बैंक या किसी परिचित से होने का दावा करे, तो कोई भी कार्रवाई करने से पहले उसकी पहचान को सत्यापित करना अत्यंत आवश्यक है। यदि आपको किसी ऐसे लेनदेन के लिए ओटीपी (वन-टाइम पासवर्ड) प्राप्त होता है जिसे आपने शुरू नहीं किया है, तो तुरंत अपने बैंक को सूचित करें और साइबर धोखाधड़ी के प्रयास के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रकोष्ठ को 1930 पर इसकी रिपोर्ट करें। सतर्कता और जागरूकता ही साइबर अपराध से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।