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नाथ सम्प्रदाय का महाकुंभ! बीकानेर में संत श्री जीवण नाथ जी की बरसी पर विशेष कार्यक्रम



अजय त्यागी 2025-05-05 02:36:09 स्थानीय

नाथ सम्प्रदाय के श्रद्धेय संत श्री जीवण नाथ जी
नाथ सम्प्रदाय के श्रद्धेय संत श्री जीवण नाथ जी
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बीकानेर में नाथ सम्प्रदाय के श्रद्धेय संत श्री जीवण नाथ जी की 119वीं पुण्यतिथि के अवसर पर एक दिवसीय धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। यह विशेष आयोजन 10 मई, वैशाख सुदी तेरस को नत्थुसर गेट के बाहर भट्टोलाई स्थित उनकी समाधि स्थल पर आयोजित होगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना है।

समाधि स्थल पर विशेष पूजन एवं अभिषेक

कार्यक्रम के अनुसार, 10 मई की सुबह संत श्री जीवण नाथ जी की समाधि स्थल पर विशेष अभिषेक और पूजन किया जाएगा। इस अवसर पर भक्तजन श्रद्धा भाव से संत को अपनी पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और उनकी शिक्षाओं का स्मरण करेंगे। यह पूजन नाथ सम्प्रदाय की परंपराओं और रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न होगा, जिसमें मंत्रोच्चारण और भक्तिमय स्तुतियां शामिल होंगी।

सायंकालीन महाआरती एवं प्रसाद वितरण

दिन के समापन पर, सायंकाल में एक भव्य महाआरती का आयोजन किया जाएगा। यह आरती गिरधर पुरोहित ‘हरि’ के सान्निध्य में संपन्न होगी, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तजन एकत्रित होकर संत श्री जीवण नाथ जी के प्रति अपनी गहरी आस्था व्यक्त करेंगे। आरती के पश्चात, एक विशेष प्रसाद का वितरण किया जाएगा, जिसमें 101 किलो दूध से बनी हुई खीर का भोग लगाया जाएगा। यह प्रसाद सभी उपस्थित भक्तों को वितरित किया जाएगा।

रात्रि जागरण एवं भजन-कीर्तन

कार्यक्रम की आध्यात्मिक गहराई को और बढ़ाने के लिए, रात्रि में एक महाजागरण और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। इस भक्तिमय कार्यक्रम में संत श्री जीवण नाथ जी के जीवन और शिक्षाओं पर आधारित भजन और कीर्तन प्रस्तुत किए जाएंगे, जिससे उपस्थित भक्तजन पूरी रात भक्ति के रंग में रंगे रहेंगे। यह जागरण संत की स्मृति में आयोजित एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु भाग लेने के लिए आते हैं।

भक्तों से आशीर्वाद एवं प्रसाद ग्रहण करने की अपील

आयोजकों ने सभी भक्तजनों से अपील की है कि वे इन पवित्र कार्यक्रमों में शामिल होकर संत श्री जीवण नाथ जी का आशीर्वाद और विशेष प्रसाद अवश्य ग्रहण करें। यह आयोजन न केवल संत की स्मृति को समर्पित है, बल्कि यह समुदाय को एक साथ आने और आध्यात्मिक जुड़ाव महसूस करने का भी एक अवसर है।