Thu, 22 May 2025 09:35:20pm
वक्फ संशोधन कानून 2024 को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई होनी थी, लेकिन कुछ अप्रत्याशित कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया है। अब इस संवेदनशील मामले की अगली सुनवाई 15 मई को होगी, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने इस नए कानून का पुरजोर विरोध किया है।
सुनवाई 15 मई तक स्थगित
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 5 मई को सुनवाई होनी थी। हालांकि, भारत के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने बताया कि उनके पास सेवानिवृत्ति (13 मई) से पहले बहुत कम दिन बचे हैं, जिसके कारण इन याचिकाओं पर सुनवाई अब भारत के भावी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा 15 मई को की जाएगी। न्यायमूर्ति खन्ना ने सोमवार को कहा कि याचिकाओं को न्यायमूर्ति गवई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा।
टीएमसी सांसद का विरोध
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता कल्याण बनर्जी ने कहा, "मामले को 15 मई तक के लिए स्थगित कर दिया गया है क्योंकि मुख्य न्यायाधीश सेवानिवृत्त होने वाले हैं। पश्चिम बंगाल सरकार ने नए (वक्फ) संशोधन अधिनियम का विरोध करते हुए एक आवेदन दायर किया था क्योंकि यह राज्य की शक्ति को छीन रहा है।" बनर्जी ने केंद्र सरकार के इस कानून पर अपनी पार्टी की कड़ी आपत्ति जताई।
VIDEO | “The matter has been adjourned to May 15 as the Chief Justice is going to retire. West Bengal government had filed an application opposing the new (Waqf) Amendment Act itself because it is taking away the state’s power,” says TMC MP and advocate Kalyan Banerjee.
— Press Trust of India (@PTI_News) May 5, 2025
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न्यायमूर्ति गवई की पीठ करेगी सुनवाई
भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने सोमवार (5 मई) को स्पष्ट किया कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2024 को चुनौती देने वाली याचिकाएं न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध की जाएंगी, क्योंकि उनकी सेवानिवृत्ति में केवल कुछ ही दिन शेष हैं। न्यायमूर्ति गवई 15 मई को इस मामले की सुनवाई करेंगे, जो उनके भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने के ठीक एक दिन बाद है।
जमीयत उलेमा दिल्ली की उम्मीदें
वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 15 मई को न्यायमूर्ति बीआर गवई द्वारा सुनवाई किए जाने पर जमीयत उलेमा दिल्ली के महासचिव मुफ्ती अब्दुर रज्जाक मजाहिरी ने कहा, "हमें उम्मीद है कि अगली सुनवाई तक रोक जारी रहेगी। और हमें उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा।" उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि न्यायालय उनकी आपत्तियों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगा।
VIDEO | Here's what Jamiat Ulama Delhi General Secretary Mufti Abdur Raziq Mazahiri said on petitions challenging Waqf Amendment Act 2025 to be heard by Justice BR Gavai on May 15:
— Press Trust of India (@PTI_News) May 5, 2025
"We hope that stay will continue till next hearing. And we hope that the decision will come in our… pic.twitter.com/K47sEeqU5h