Fri, 23 May 2025 05:27:52am
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने इस मामले में अंतिम निर्णय लेने की जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी है। यह फैसला तब आया है जब याचिकाकर्ता ने राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता का दावा किया था, और इस मामले में अदालत ने केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था।
याचिकाकर्ता का दावा और HC का निर्देश
याचिकाकर्ता एस. विग्नेश शिशिर ने अदालत में दावा किया था कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता भी है, और उन्होंने इसके समर्थन में कुछ सबूत भी पेश किए थे। इस दावे के आधार पर, उन्होंने राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान, उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा था।
एस. विग्नेश शिशिर का बयान
इस मामले में याचिकाकर्ता एस. विग्नेश शिशिर ने कहा, "प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर, उच्च न्यायालय ने अंतिम निर्णय लेने का निर्देश दिया है, और अब पूरी जिम्मेदारी गृह मंत्रालय पर डाल दी गई है।"
अदालत का रुख और केंद्र सरकार की भूमिका
अदालत ने कहा कि चूंकि केंद्र सरकार इस मामले में कोई समय सीमा नहीं बता पा रही है, इसलिए याचिका को लंबित रखने का कोई औचित्य नहीं है। हालांकि, अदालत ने याचिकाकर्ता को इस मामले में अन्य कानूनी विकल्पों का उपयोग करने की स्वतंत्रता दी है। अदालत ने केंद्र सरकार को इस मामले में तेजी से कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला तब शुरू हुआ जब याचिकाकर्ता ने दावा किया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है, जो भारतीय कानूनों का उल्लंघन है। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके पास कुछ ऐसे दस्तावेज हैं जो इस दावे का समर्थन करते हैं। इस मामले में पहले भी कई सुनवाईयां हो चुकी है। और केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया गया था।
आगे की प्रक्रिया
अब, केंद्र सरकार को इस मामले में अंतिम निर्णय लेना होगा। यह देखना होगा कि वे याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों का मूल्यांकन कैसे करते हैं और क्या वे राहुल गांधी की नागरिकता के बारे में कोई निष्कर्ष निकालते हैं। इस निर्णय का भारतीय राजनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।
VIDEO | Allahabad HC disposes of petition on Rahul Gandhi's Indian citizenship: Here's what petitioner S Vignesh Shishir said:
— Press Trust of India (@PTI_News) May 5, 2025
"Based on the evidence presented, the High Court has instructed that a final decision be taken, and the entire responsibility has now been placed on… pic.twitter.com/TLutoHVSZC