Join our Whatsapp Group

1971 के बाद पहली बार बजेगा युद्ध का सायरन! एयर डिफेंस की मॉक ड्रिल, कलेक्टर-एसपी ने संभाला मोर्चा



अजय त्यागी 2025-05-06 02:06:14 आम सूचना

प्रतीकात्मक फोटो - Internet
प्रतीकात्मक फोटो - Internet
advertisement

पूरे देश में कल 54 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद पहली बार नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) की मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इस महत्वपूर्ण मॉक ड्रिल की तैयारियों का जायजा लेने के लिए आज बीकानेर की कलेक्टर नम्रता वृष्णि और पुलिस अधीक्षक (एसपी) कावेन्द्र सिंह सागर सिविल डिफेंस के कार्यालय पहुंचे। उन्होंने मॉक ड्रिल से जुड़ी विभिन्न व्यवस्थाओं और सायरनों की स्थिति का निरीक्षण किया। इससे पहले, इस तरह की एयर डिफेंस ड्रिल 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान हुई थी।

कलेक्टर और एसपी ने लिया जायजा

कलेक्टर नम्रता वृष्णि और एसपी कावेन्द्र सिंह सागर ने सिविल डिफेंस कार्यालय पहुंचकर मॉक ड्रिल के लिए किए जा रहे इंतजामों की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों से तैयारियों को लेकर चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने इस अवसर पर कहा कि उन्हें केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय से जो भी निर्देश मिलेंगे, उनका पूरी तरह से पालन किया जाएगा। उन्होंने मॉक ड्रिल को सफल बनाने के लिए सभी संबंधित विभागों को समन्वय से काम करने का आह्वान किया।

एसपी ने जताई तैयारियों पर संतुष्टि

वहीं, पुलिस अधीक्षक कावेन्द्र सिंह सागर ने मॉक ड्रिल की तैयारियों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि सभी तैयारियां चाक-चौबंद हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग मॉक ड्रिल के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि वे मॉक ड्रिल के दौरान धैर्य बनाए रखें और प्रशासन का सहयोग करें।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश

यह राष्ट्रव्यापी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के तहत आयोजित की जा रही है। इसका उद्देश्य किसी भी संभावित आपदा या आपात स्थिति के दौरान देश की नागरिक सुरक्षा तैयारियों का आकलन करना और उन्हें और अधिक प्रभावी बनाना है। मॉक ड्रिल के माध्यम से यह भी परखा जाएगा कि विभिन्न एजेंसियां और आम नागरिक ऐसी स्थितियों में किस तरह से प्रतिक्रिया करते हैं।

1971 के युद्ध की यादें ताजा

गौरतलब है कि इससे पहले देश में इस तरह की एयर डिफेंस ड्रिल 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान आयोजित की गई थी। उस समय देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह ड्रिल महत्वपूर्ण थी। अब 54 साल बाद, एक बार फिर उसी तरह की मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है, जो देश की सुरक्षा तैयारियों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कल होने वाली इस मॉक ड्रिल पर पूरे देश की निगाहें टिकी रहेंगी।