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भारत-पाक सीमा पर कल दिखेगा वायुसेना का दम! राफेल और सुखोई भरेंगे उड़ान



अजय त्यागी 2025-05-06 08:09:46 डिफेंस

राफेल और सुखोई दिखाएंगे ताकत
राफेल और सुखोई दिखाएंगे ताकत
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जयपुर: भारतीय वायुसेना कल, 7 मई को राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों और भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे क्षेत्रों में एक बड़ा हवाई अभ्यास करने जा रही है। इस महत्वपूर्ण अभ्यास में वायुसेना के कई अग्रिम पंक्ति के विमान, जिनमें राफेल और सुखोई जैसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान भी शामिल हैं, हिस्सा लेंगे। वायुसेना की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, इस अभ्यास का उद्देश्य देश की हवाई सुरक्षा को और मजबूत करना तथा किसी भी संभावित चुनौती से निपटने के लिए अपनी तैयारियों का जायजा लेना है।

सीमा पर वायुसेना का युद्धाभ्यास

भारत-पाकिस्तान सीमा के पास राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र में होने वाला यह वायुसेना का अभ्यास सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस क्षेत्र में पहले भी सीमा पार से तनाव की स्थिति बनी रही है। ऐसे में वायुसेना का यह अभ्यास न केवल अपनी युद्धक क्षमता का प्रदर्शन करेगा, बल्कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश देगा।

राफेल और सुखोई दिखाएंगे ताकत

इस हवाई अभ्यास में भारतीय वायुसेना के सबसे आधुनिक और शक्तिशाली लड़ाकू विमान राफेल और सुखोई-30 एमकेआई प्रमुख रूप से भाग लेंगे। इन विमानों की क्षमता और मारक क्षमता जगजाहिर है, और इनका अभ्यास में शामिल होना वायुसेना की उच्च स्तरीय तैयारियों को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, वायुसेना के अन्य फ्रंटलाइन विमान भी इस अभ्यास का हिस्सा होंगे, जिससे वायुसेना की समग्र युद्धक क्षमता का प्रदर्शन किया जाएगा।

रूटीन ऑपरेशनल तैयारी

भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह हवाई अभ्यास उनकी रूटीन ऑपरेशनल तैयारियों का हिस्सा है। वायुसेना नियमित रूप से इस तरह के अभ्यास आयोजित करती रहती है ताकि अपने पायलटों और अन्य कर्मियों को युद्ध जैसी स्थितियों के लिए तैयार रखा जा सके। हालांकि, भारत-पाक सीमा के पास हो रहे इस अभ्यास को क्षेत्र की मौजूदा भू-राजनीतिक परिस्थितियों के मद्देनजर भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सुरक्षा चाक-चौबंद

अभ्यास के दौरान वायुसेना द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अभ्यास के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना न हो। वायुसेना के अधिकारी और जवान पूरी तरह से मुस्तैद रहेंगे और हर स्थिति पर कड़ी नजर रखेंगे। इस अभ्यास से भारतीय वायुसेना की क्षमता और तैयारियों का एक स्पष्ट संदेश पड़ोसी देशों तक भी पहुंचेगा।