Thu, 22 May 2025 09:14:58pm
सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के राजस्थान मेडिकल कॉलेज लेबोरेट्री टेक्निशियन कर्मचारी संघ (चिकित्सा शिक्षा) बीकानेर शाखा के एक प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को कॉलेज प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी से मुलाकात कर अपनी लंबित मांगों पर विस्तृत चर्चा की। प्रदेश अध्यक्ष बजरंग कुमार सोनी और जिला अध्यक्ष अजय किराडू के नेतृत्व में हुई इस मुलाकात में कर्मचारियों ने पदोन्नति में देरी और स्टाफ की कमी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया।
वर्षों से अटकी पदोन्नति और स्थायीकरण की मांग
प्रतिनिधि मंडल ने प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी को अवगत कराया कि वर्ष 2019-20 से लेबोरेट्री टेक्निशियन संवर्ग में पदोन्नति की प्रक्रिया रुकी हुई है। इस कारण कर्मचारियों को अपने करियर में आगे बढ़ने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त, कर्मचारियों ने वर्ष 2013 से लंबित लियन (स्थायीकरण) प्राप्त करने की अपनी पुरानी मांग को भी पुरजोर तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि इतने लंबे समय से स्थायीकरण न होने के कारण कर्मचारियों में निराशा का माहौल है।
सैंपल कलेक्शन में स्टाफ की कमी का मुद्दा
कर्मचारी संघ ने तीन बजे सैंपल कलेक्शन के दौरान स्टाफ की भारी कमी का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने बताया कि सीमित संख्या में कर्मचारियों के होने के कारण कार्य का बोझ बहुत अधिक बढ़ जाता है, जिससे कार्यकुशलता प्रभावित होती है और कर्मचारियों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। प्रतिनिधि मंडल ने प्राचार्य से इन मांगों का जल्द से जल्द समाधान करने का आग्रह किया ताकि कर्मचारियों को उनका अधिकार मिल सके और वे बेहतर तरीके से काम कर सकें।
प्राचार्य का आश्वासन और भविष्य की रणनीति
कॉलेज प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी ने प्रतिनिधि मंडल की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जल्द ही लैब टेक्नीशियन स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। इस मुलाकात के दौरान संघ के अन्य पदाधिकारी और सदस्य भी उपस्थित रहे। कर्मचारी संघ ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्रता से कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वे भविष्य में आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए बाध्य होंगे।
कर्मचारी संघ का सकारात्मक कदम
कर्मचारी संघ ने इस मुलाकात को लेबोरेट्री टेक्निशियनों के हितों की रक्षा के लिए चल रही लंबी लड़ाई में एक सकारात्मक कदम बताया है। उन्हें उम्मीद है कि प्राचार्य उनके मुद्दों को गंभीरता से लेंगे और जल्द ही उनकी मांगों को पूरा करेंगे, जिससे कर्मचारियों के मनोबल और कार्यक्षमता में सुधार होगा।