Thu, 22 May 2025 01:47:11pm
कल्पना कीजिए एक ऐसी प्रभात की, जहाँ आस्था और शांति की किरणें एक साथ धरती पर उतर रही हों। बिहार के बोधगया में कुछ ऐसा ही अलौकिक दृश्य उपस्थित हुआ, जब भगवान बुद्ध की जन्म जयंती के पावन अवसर पर श्रद्धा का एक विशाल सागर उमड़ पड़ा। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि मानवता के उस मार्ग का स्मरण है, जो शांति, करुणा और ज्ञान की ओर ले जाता है।
भव्य शोभायात्रा: आस्था का जीवंत प्रदर्शन
भगवान बुद्ध की 2569वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में बोधगया की धरती भक्ति और उल्लास से सराबोर हो उठी। इस विशेष दिन को मनाने के लिए एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षुओं, श्रद्धालुओं और विभिन्न धर्मों के लोगों ने भाग लिया। शोभायात्रा में भगवान बुद्ध की सुंदर सजी हुई प्रतिमा को एक सजे हुए रथ पर स्थापित किया गया था। पारंपरिक वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि और श्रद्धालुओं के भक्तिमय नारों से वातावरण गुंजायमान हो रहा था।
आर्य पाल भंते का संदेश: सार्वभौमिक सम्मान
इस अवसर पर, बुद्ध भिक्षु आर्य पाल भंते ने सभी को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, "आप सभी को 2569वीं बुद्ध जयंती की मंगलकामनाएं... यह दिन दुनिया भर के सभी बौद्धों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन न केवल बौद्ध, बल्कि हिंदू, मुस्लिम, ईसाई सहित सभी धर्मों के लोग बुद्ध का सम्मान करते हैं। उनका दर्शन गहराई से वैज्ञानिक और शांति में निहित है..." आर्य पाल भंते के इन शब्दों ने भगवान बुद्ध की शिक्षाओं की सार्वभौमिकता और उनके प्रति सभी धर्मों के लोगों के गहरे सम्मान को रेखांकित किया। उन्होंने बुद्ध के शांति और करुणा के संदेश को आज के समय में भी अत्यंत प्रासंगिक बताया।
शांति और सद्भाव का संगम
बोधगया में बुद्ध जयंती का यह आयोजन न केवल बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि यह विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोगों के बीच एकता और सद्भाव का भी प्रतीक बना। शोभायात्रा में शामिल हुए विभिन्न धर्मों के लोगों ने भगवान बुद्ध के शांति और सहिष्णुता के संदेश के प्रति अपनी आस्था और सम्मान व्यक्त किया। यह दृश्य भारत की उस प्राचीन परंपरा को दर्शाता है, जहाँ विभिन्न धर्म और संस्कृतियाँ सदियों से शांति और सौहार्द के साथ सह-अस्तित्व में रही हैं।
Bihar: On the occasion of the birth anniversary of Lord Buddha, a grand procession was taken out in Bodhgaya. pic.twitter.com/Oq570lA8Se
— IANS (@ians_india) May 12, 2025
ज्ञान और करुणा का मार्ग
भगवान बुद्ध की शिक्षाएँ आज भी दुनिया भर के लोगों को शांति, करुणा और ज्ञान का मार्ग दिखाती हैं। उनका 'अष्टांगिक मार्ग' दुख से मुक्ति और आत्म-ज्ञान की प्राप्ति का एक वैज्ञानिक और व्यावहारिक तरीका प्रस्तुत करता है। बुद्ध जयंती का यह अवसर हमें उनके इन शाश्वत मूल्यों को याद करने और अपने जीवन में उन्हें अपनाने की प्रेरणा देता है। बोधगया में उमड़ा यह श्रद्धा का सैलाब इस बात का प्रमाण है कि भगवान बुद्ध का संदेश आज भी उतना ही जीवंत और प्रासंगिक है, जितना सदियों पहले था।
Bihar: Buddha Bhikshu Arya Pal Bhante says, "Greetings to all of you on the occasion of the 2569th Buddha Jayanti...This day holds great importance for all Buddhists around the world. But not only Buddhists, people of all religions, including Hindus, Muslims, Christians, respect… pic.twitter.com/frmQiT17mU
— IANS (@ians_india) May 12, 2025