Thu, 22 May 2025 07:43:44pm
अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के गलियारों से लेकर आतंकवाद के काले सायों तक, हाल के घटनाक्रमों ने भू-राजनीतिक परिदृश्य को गरमा दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत का रुख स्पष्ट किया है, जिनमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले से लेकर पड़ोसी देश बांग्लादेश में राजनीतिक घटनाक्रम और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत की भूमिका शामिल है। उनके वक्तव्यों ने न केवल इन घटनाओं की गंभीरता को रेखांकित किया है, बल्कि भारत की दृढ़ नीति और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी सक्रिय भूमिका को भी दर्शाया है। आइए, इन महत्वपूर्ण बयानों और उनके निहितार्थों पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
पहलगाम हमला और आतंकी संगठन टीआरएफ का पर्दाफाश
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पहलगाम में हुए दुखद आतंकी हमले पर भारत के रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार ने इस संबंध में कई दौर की ब्रीफिंग की है। इन ब्रीफिंग में, हमले के अपराधियों —विशेष रूप से द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)—के साथ देखे गए संबंधों के प्रकार को भी साझा किया गया है। विदेश सचिव ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से उन सबूतों को रेखांकित किया है जो भारत के पास हैं और उल्लेख किया कि जांच अभी जारी है। जायसवाल ने यह भी बताया कि टीआरएफ ने शुरू में दो बार, लगातार दो दिनों तक, इस हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन बाद में, संभवतः अपने आकाओं के कहने पर, उन्होंने इससे इनकार कर दिया। यह घटना सीमा पार आतंकवाद और उसमें शामिल आतंकी संगठनों के नापाक मंसूबों को उजागर करती है।
Watch: MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "You know we have had several rounds of briefings, and in these, we have also shared the kind of links we see between the perpetrators of the Pahalgam attack—particularly the Resistance Front. The Foreign Secretary, in his statement,… pic.twitter.com/T4TkbDvhN2
— IANS (@ians_india) May 13, 2025
टीआरएफ के विषय में आगे बोलते हुए जायसवाल ने कहा, "टीआरएफ एक ऐसा संगठन है जो लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटे के रूप में काम करता है। आपको पता होगा कि हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा यूएनएससी 1267 प्रतिबंध समिति के तहत इसे सूचीबद्ध करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहे हैं। मुझे नहीं पता कि दो घंटे पहले क्या साझा किया गया था, लेकिन हम इस मामले में जांच की प्रगति के बारे में आपको निश्चित रूप से अपडेट रखेंगे।"
बांग्लादेश में अवामी लीग पर प्रतिबंध और भारत की लोकतांत्रिक चिंताएं
बांग्लादेश में बिना उचित प्रक्रिया के अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, रणधीर जायसवाल ने इसे एक चिंताजनक विकास बताया। उन्होंने कहा कि एक लोकतंत्र के रूप में, भारत स्वाभाविक रूप से लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के curtailment और राजनीतिक स्थान के shrinking को लेकर चिंतित है। भारत ने बांग्लादेश में जल्द, स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराने के लिए अपना पुरजोर समर्थन व्यक्त किया। भारत का यह रुख पड़ोसी देश में लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रक्रियाओं के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
Watch: MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "A ban on the Awami League without due process is a concerning development. As a democracy, India is naturally concerned about the curtailment of democratic freedoms and the shrinking of political space. We strongly support the early… pic.twitter.com/bqZtDPSuzP
— IANS (@ians_india) May 13, 2025
वैश्विक समुदाय का भारत के प्रति समर्थन और आतंकवाद का केंद्र
रणधीर जायसवाल ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया भर में यह व्यापक समझ है कि पहलगाम में भारतीय पर्यटक आतंकवाद का शिकार हुए थे, और आतंकवाद का केंद्र पाकिस्तान में सीमा पार स्थित है। उन्होंने बताया कि कई विदेशी नेताओं, जिन्होंने भारत से बात की, ने यह विचार व्यक्त किया कि भारत को अपनी रक्षा करने और अपने लोगों की सुरक्षा करने का अधिकार है। यह वैश्विक समुदाय के उस बढ़ते समर्थन को दर्शाता है जो भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मिल रहा है और आतंकवाद के स्रोत के बारे में उनकी स्पष्ट समझ को भी उजागर करता है।
Watch: MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "It is quite the reverse. There is widespread understanding across the world that Indian tourists were the victims of terrorism in Pahalgam, and that the epicenter of terrorism lies across the border in Pakistan. A number of foreign… pic.twitter.com/vcleG4GArY
— IANS (@ians_india) May 13, 2025
आतंकवाद पर भारत की 'शून्य सहिष्णुता' (Zero Tolerance) की नीति
आतंकवादी कृत्यों के संबंध में भारत की नीति को स्पष्ट करते हुए, जायसवाल ने कहा कि नेतृत्व स्तर पर यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सीमा पार आतंकवाद एक गंभीर मुद्दा है। भारत का रुख 'शून्य सहिष्णुता' (Zero Tolerance) का बना हुआ है। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि जब भी ऐसी घटनाएं होती हैं, भारत मजबूती और निर्णायक रूप से जवाब देगा। यह बयान आतंकवाद के प्रति भारत के कठोर और अटूट रवैये को दर्शाता है और यह संदेश देता है कि भारत अपनी सुरक्षा और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए तैयार है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का कड़ा निंदा प्रस्ताव और भारत-अमेरिका साझेदारी
रणधीर जायसवाल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा जारी किए गए बयान का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि यूएनएससी में पांच स्थायी सदस्य और दस गैर-स्थायी सदस्य शामिल हैं, और इसने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करते हुए एक बहुत मजबूत बयान जारी किया है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका भी शामिल है। जायसवाल ने सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्र में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच बढ़ती और गहरी होती साझेदारी पर भी प्रकाश डाला। यूएनएससी का यह कड़ा निंदा प्रस्ताव आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एकजुटता और भारत के साथ उनके समर्थन को दर्शाता है। भारत और अमेरिका की मजबूत होती साझेदारी इस वैश्विक चुनौती का मुकाबला करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
Watch: MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "As far as acts of terror are concerned, from our side, at the leadership level, it has been stated that cross-border terrorism is a serious issue. Our stance remains one of zero tolerance. Whenever such incidents occur, we will… pic.twitter.com/cprTBZa5o0
— IANS (@ians_india) May 13, 2025
बहरहाल, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के हालिया बयान कई महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक मुद्दों पर भारत के स्पष्ट और दृढ़ रुख को दर्शाते हैं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के अपराधियों को बेनकाब करने से लेकर बांग्लादेश में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के प्रति चिंता व्यक्त करने और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत की सक्रिय भूमिका को उजागर करने तक, उनके वक्तव्यों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक मजबूत संदेश दिया है। भारत न केवल सीमा पार आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए दृढ़ है, बल्कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी महत्व देता है। वैश्विक समुदाय का भारत के प्रति बढ़ता समर्थन और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता इस लड़ाई में भारत की स्थिति को और मजबूत करता है।
Watch: MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "You saw the statement issued by the UN Security Council. The UN Security Council consists of five permanent members and ten non-permanent members. It issued a very strong condemnation, and the United States is part of that. Our… pic.twitter.com/H1KYLqXjFa
— IANS (@ians_india) May 13, 2025