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सैटेलाइट तस्वीरों ने चार प्रमुख पाकिस्तानी एयरबेस पर हुए नुकसान की पुष्टि की



अजय त्यागी 2025-05-14 08:02:23 समीक्षा

सैटेलाइट तस्वीर
सैटेलाइट तस्वीर
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भारतीय सेना ने एक साहसिक और अचूक सैन्य अभियान को अंजाम देते हुए पाकिस्तान की सीमा में घुसकर उसके सैन्य अड्डों और आतंकी ठिकानों को भारी क्षति पहुँचाई है। 'ऑपरेशन सिंदूर' नामक इस कार्रवाई ने न केवल पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को कमजोर किया है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति का भी प्रमाण दिया है। इस ऑपरेशन के बाद जारी हुई सैटेलाइट तस्वीरों ने पाकिस्तान में हुए विनाश की भयावहता को उजागर कर दिया है।

मैक्सर टेक्नोलॉजीज के सनसनीखेज खुलासे:
हाल ही में, विश्व की प्रतिष्ठित सैटेलाइट इमेजिंग कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजीज द्वारा जारी की गई तस्वीरों ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की पुष्टि कर दी है। इन तस्वीरों में पाकिस्तान के पांच महत्वपूर्ण एयरबेस पर हुए व्यापक नुकसान को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। ये एयरबेस हैं - रावलपिंडी का नूर खान एयरबेस, सरगोधा का पीएएफ बेस मुशफ, भोलारी एयर बेस, सुक्कुर एयरबेस और जैकोबाबाद का पीएएफ बेस शाहबाज। इन तस्वीरों ने भारतीय सेना की सटीक रणनीति और मारक क्षमता का लोहा मनवाया है।

नूर खान एयरबेस: पाकिस्तान की वायुसेना की जीवनरेखा ध्वस्त:
रावलपिंडी के चकलाला में स्थित नूर खान एयरबेस, जिसे पाकिस्तान वायुसेना की जीवनरेखा माना जाता है, भारतीय कार्रवाई में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है। यह एयरबेस वीआईपी मूवमेंट और लॉजिस्टिक्स ऑपरेशन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था। पाकिस्तान के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सेना प्रमुख और मुख्य न्यायाधीश जैसे शीर्ष अधिकारियों के विमानों का अड्डा यही था। इस्लामाबाद से महज 13 किलोमीटर और जम्मू कश्मीर के पुंछ से लगभग 100 किलोमीटर की हवाई दूरी पर स्थित इस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एयरबेस पर हमला पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है।

पीएएफ बेस मुशफ: पाकिस्तान का सबसे सुरक्षित ठिकाना भी नहीं बचा:
सरगोधा में स्थित पीएएफ बेस मुशफ, जिसे पाकिस्तान का सबसे महत्वपूर्ण और सुरक्षित एयरबेस माना जाता था, ऑपरेशन सिंदूर का शिकार बना। 30 अप्रैल और 10 मई, 2025 को ली गई तस्वीरों से यहाँ हुए भारी नुकसान का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस एयरबेस पर कॉम्बैट कमांडर्स स्कूल, न्यूक्लियर डिलिवरी प्लेटफॉर्म और विशिष्ट स्क्वाड्रन मौजूद थे। अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 200 किलोमीटर अंदर स्थित इस एयरबेस पर भारतीय मिसाइलों का पहुँचना पाकिस्तान के मनोबल को बुरी तरह तोड़ने वाला साबित हुआ है।

भोलारी एयर बेस: पाकिस्तान की रणनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर प्रहार:
पाकिस्तान के नए बने एयरबेसों में से एक, भोलारी एयर बेस भी भारतीय सेना की कार्रवाई से नहीं बच सका। 27 अप्रैल और 11 मई, 2025 की सैटेलाइट तस्वीरों में रनवे और अन्य सुविधाओं को नुकसान स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। इस एयरबेस का इस्तेमाल पाकिस्तानी वायुसेना के साथ-साथ नौसेना भी करती थी और यह पाकिस्तान की भविष्य की रणनीतिक योजनाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। इस एयरबेस के नुकसान से पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

सुक्कुर एयरबेस
पाकिस्तान का सुक्कुर एयरबेस भी भारतीय सेना की कार्रवाई से नहीं बच सका। ये दक्षिणी वायु कमान के अंतर्गत, सिंध प्रांत के कराची और हैदराबाद के बीच स्थित जामशोरो जिले में एक सक्रिय ऑपरेशनल एयरबेस है। यह हाल ही में शुरू किया गया था और अब यहां 19 स्क्वाड्रन और ऑपरेशनल कन्वर्जन यूनिट तैनात हैं। यहां से एफ-16ए/बी ब्लॉक 15 एडीएफ फाइटर एयरक्राफ्ट संचालित किए जाते हैं। जैसलमेर से इसकी हवाई दूरी करीब 225 किलोमीटर है। 

पीएएफ बेस शाहबाज: तीव्र सैन्य तैनाती का केंद्र धराशायी:
सिंध प्रांत के जैकोबाबाद में स्थित पीएएफ बेस शाहबाज, जिसका उपयोग तीव्र सैन्य तैनाती के लिए किया जाता था, भी भारतीय हमले में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। 30 अप्रैल और 11 मई, 2025 की तस्वीरों में एक महत्वपूर्ण संरचना को पूरी तरह से खंडहर में तब्दील देखा जा सकता है। राजस्थान के जैसलमेर से लगभग 250 किलोमीटर की हवाई दूरी पर स्थित इस सैन्य ठिकाने पर हमला पाकिस्तान की त्वरित सैन्य प्रतिक्रिया क्षमताओं को कमजोर करेगा।

मुख्य अंश:

  • भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' में पाकिस्तान के सैन्य अड्डों को भारी नुकसान पहुँचा।
  • मैक्सर टेक्नोलॉजीज की सैटेलाइट तस्वीरों ने चार प्रमुख पाकिस्तानी एयरबेस पर हुए नुकसान की पुष्टि की।
  • नूर खान एयरबेस, जो पाकिस्तान की वायुसेना की जीवनरेखा थी, बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ।
  • पाकिस्तान का सबसे सुरक्षित माना जाने वाला पीएएफ बेस मुशफ भी भारतीय हमले का शिकार बना।
  • भोलारी एयर बेस और पीएएफ बेस शाहबाज को भी ऑपरेशन सिंदूर में भारी क्षति पहुँची।


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