Thu, 22 May 2025 01:16:06pm
मुंबई और हैदराबाद के पॉश इलाकों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ताबड़तोड़ छापेमारी ने हवाला कारोबार और अवैध संपत्ति के एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। ईडी ने एक ऐसे सिंडिकेट को निशाना बनाया है, जिस पर वसई-विरार में 60 एकड़ सार्वजनिक भूमि पर जाली नगर निगम मंजूरी और शेल कंपनियों का उपयोग करके 41 मिश्रित-उपयोग वाली अवैध इमारतें विकसित करने का आरोप है। इस कार्रवाई में ₹9.04 करोड़ की नकदी और ₹23.25 करोड़ के आभूषण और बुलियन सहित ₹32 करोड़ से अधिक की बेहिसाब संपत्ति जब्त की गई है।
मुंबई और हैदराबाद में ईडी की व्यापक छापेमारी:
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक बड़ी कार्रवाई करते हुए मुंबई और हैदराबाद में 13 अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई एक ऐसे संगठित गिरोह के खिलाफ थी जो कथित तौर पर वसई-विरार क्षेत्र में बड़े पैमाने पर भूमि घोटाला कर रहा था। ईडी की टीमों ने इन ठिकानों पर घंटों तक तलाशी अभियान चलाया और महत्वपूर्ण दस्तावेज तथा संपत्ति जब्त की।
वसई-विरार भूमि घोटाला और अवैध निर्माण:
जांच में पता चला है कि इस सिंडिकेट ने वसई-विरार में लगभग 60 एकड़ सार्वजनिक भूमि पर अवैध रूप से 41 मिश्रित-उपयोग वाली इमारतें खड़ी कर दी थीं। इसके लिए उन्होंने जाली नगर निगम की मंजूरी का इस्तेमाल किया और विभिन्न शेल कंपनियों के माध्यम से धन का हेरफेर किया ताकि अवैध रूप से प्राप्त आय को वैध दिखाया जा सके। ईडी इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रहा है ताकि इस घोटाले में शामिल अन्य लोगों का भी पता लगाया जा सके।
₹32 करोड़ से अधिक की बेहिसाब संपत्ति जब्त:
ईडी की इस छापेमारी में भारी मात्रा में बेहिसाब संपत्ति बरामद हुई है। जब्त की गई संपत्ति में ₹9.04 करोड़ की नकदी शामिल है, जिसे विभिन्न ठिकानों से बरामद किया गया। इसके अलावा, ₹23.25 करोड़ मूल्य के सोने-चांदी के आभूषण और बुलियन भी ईडी के हाथ लगे हैं। कुल मिलाकर, ईडी ने इस कार्रवाई में ₹32 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति जब्त की है, जो इस सिंडिकेट की काली कमाई का एक छोटा सा हिस्सा हो सकता है।
शेल कंपनियों और मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा:
ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि इस सिंडिकेट ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए कई शेल कंपनियों का इस्तेमाल किया था। इन कंपनियों के माध्यम से अवैध रूप से प्राप्त धन को घुमाया जाता था और फिर उसे विभिन्न संपत्तियों में निवेश किया जाता था ताकि उसकी अवैध प्रकृति को छुपाया जा सके। ईडी अब इन शेल कंपनियों के निदेशकों और लाभार्थियों की पहचान करने में जुटा है।
आगे की कानूनी कार्रवाई की तैयारी:
ईडी ने जब्त की गई संपत्ति को अपने कब्जे में ले लिया है और अब इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया गया है और जल्द ही इस सिंडिकेट में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सकता है। ईडी का यह ऑपरेशन काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सफलता माना जा रहा है।
मुंबई और हैदराबाद में ईडी की यह बड़ी कार्रवाई अवैध संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ एक सख्त संदेश है। वसई-विरार भूमि घोटाले का पर्दाफाश और ₹32 करोड़ से अधिक की संपत्ति की जब्ती यह दर्शाती है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां ऐसे संगठित अपराधों को जड़ से उखाड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह कार्रवाई उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो अवैध तरीकों से संपत्ति अर्जित करते हैं और काले धन को सफेद करने की कोशिश करते हैं।
The Enforcement Directorate seized over ₹32 crore in unaccounted assets including ₹9.04 crore in cash and ₹23.25 crore in jewellery and bullion during raids at 13 sites in Mumbai and Hyderabad. The action targets a syndicate accused of illegally developing 41 mixed-use… pic.twitter.com/rzi70fK3jW
— IANS (@ians_india) May 15, 2025