Thu, 22 May 2025 01:36:03pm
हैदराबाद में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना पुलिस ने एक संयुक्त और साहसिक अभियान में एक बड़े आतंकी षडयंत्र को विफल कर दिया है। पुलिस ने दो ऐसे युवकों को गिरफ्तार किया है, जिन पर शहर में सिलसिलेवार बम धमाके करने की साजिश रचने का आरोप है। इस संयुक्त कार्रवाई में आंध्र प्रदेश के विजयनगरम निवासी सिराज-उर रहमान (29) और सिकंदराबाद के बोहिगुडा निवासी सईद समीर (28) को धर दबोचा गया। पुलिस के अनुसार, सिराज इंजीनियरिंग स्नातक है जो नौकरी की तलाश में था, जबकि समीर एक लिफ्ट ऑपरेटर के रूप में काम करता था। इन युवकों ने मिलकर 'अल हिंद इत्तेहादुल मुसलमीन' (अहिम) नामक एक स्वयंभू आतंकी संगठन बनाया था, जिसका सरगना सिराज और उसका डिप्टी समीर था।
गुपचुप बैठकें और आतंकी मंसूबे:
पुलिस की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इंजीनियरिंग की डिग्रीधारी सिराज हैदराबाद में कथित तौर पर ग्रुप-2 की परीक्षाओं की तैयारी के लिए आया था। हालांकि, इस दौरान उसने समीर के साथ मिलकर गुप्त बैठकें कीं, जिनमें आतंकी गतिविधियों की योजनाएं बनाई गईं। इन बैठकों में बम बनाने की तकनीकों पर चर्चा की गई और हमलों को अंजाम देने के लिए संभावित स्थानों की रेकी भी की गई थी।
इंस्टाग्राम के जरिए सऊदी हैंडलर से संपर्क:
इस आतंकी मॉड्यूल का एक अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन भी सामने आया है। जांच से पता चला है कि दोनों युवक सऊदी अरब में बैठे एक अज्ञात हैंडलर के संपर्क में थे। यह हैंडलर कथित तौर पर इंस्टाग्राम के माध्यम से उन्हें हमलों की साजिश रचने और विस्फोटक बनाने के बारे में निर्देश दे रहा था। सिराज और समीर ने ऑनलाइन माध्यम से पोटेशियम क्लोरेट और सल्फर जैसे रसायन खरीदे और इंटरनेट पर बम बनाने की तकनीकों का अध्ययन किया। उनकी योजना 21 या 22 मई को विजयनगरम में एक रिहर्सल विस्फोट करने की थी।
'मैजिक लैंटर्न' का इस्तेमाल और कट्टरपंथी नेटवर्क:
अधिकारियों ने बताया कि हैंडलर ने "मैजिक लैंटर्न" नामक एक विशेष विधि का उपयोग करके इन युवकों का चयन किया था। यह विधि सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं की पहचान करती है जो आतंकवाद समर्थक सामग्री में रुचि दिखाते हैं। यह भी पता चला है कि सिराज और समीर ने अपने कट्टरपंथीकरण प्रयासों के तहत कुछ नाबालिगों सहित 28 अन्य व्यक्तियों को भी भर्ती किया था, जिससे उनके नेटवर्क की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
गिरफ्तारियां और बरामदगी:
तेलंगाना से मिली खुफिया जानकारी के आधार पर, आंध्र प्रदेश पुलिस ने शनिवार को विजयनगरम में सिराज के आवास पर छापा मारा और विस्फोटक रसायन जब्त किए। समीर को सिकंदराबाद से गिरफ्तार किया गया और ट्रांजिट वारंट पर विजयनगरम ले जाया गया। जांचकर्ताओं को संदेह है कि सिराज ने 12 मई को विजयनगरम में एक बम का परीक्षण भी किया था। दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
एनआईए की जांच में एंट्री:
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी इसमें रुचि दिखाई है और सऊदी हैंडलर तथा बड़े नेटवर्क का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है। वर्तमान में, विजयनगरम दो टाउन पुलिस मामले की प्राथमिक जांच कर रही है, लेकिन एनआईए के शामिल होने से जांच को और अधिक व्यापक और प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।
परिवार की उम्मीदें और सिराज का भटकना:
सिराज का पारिवारिक पृष्ठभूमि इस मामले में एक दुखद पहलू जोड़ती है। उसके पिता एक सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) हैं और उसका भाई एक कांस्टेबल है। परिवार ने कथित तौर पर सिराज को पुलिस बल में शामिल होते देखना चाहा था। इसके बजाय, वह ऑनलाइन कट्टरपंथी तत्वों के प्रभाव में आकर चरमपंथ की ओर मुड़ गया, जिसने उसके परिवार और देश दोनों को गहरा आघात पहुंचाया है।
हैदराबाद में इस आतंकी साजिश का विफल होना आंध्र प्रदेश और तेलंगाना पुलिस की एक बड़ी सफलता है। समय पर कार्रवाई ने एक संभावित बड़े खतरे को टाल दिया है। हालांकि, "मैजिक लैंटर्न" जैसी विधियों का उपयोग करके युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के प्रयास चिंताजनक हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर आतंकवाद समर्थक सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। एनआईए की जांच से इस नेटवर्क के अंतरराष्ट्रीय संबंधों और अन्य सदस्यों का पता चलने की उम्मीद है, जिससे भविष्य में ऐसे षडयंत्रों को रोकने में मदद मिलेगी।