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समुद्री संपर्क का स्वर्णिम सेतु: भारत और मालदीव के बीच 13 समझौतों पर हस्ताक्षर, विकास की नई गाथा



अजय त्यागी 2025-05-19 01:46:52 अंतर्राष्ट्रीय

भारत और मालदीव के बीच 13 समझौतों पर हस्ताक्षर
भारत और मालदीव के बीच 13 समझौतों पर हस्ताक्षर
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भारत और मालदीव के बीच अटूट मित्रता और सहयोग की एक नई मिसाल कायम हुई है। भारत ने द्वीपीय राष्ट्र मालदीव में नौका सेवाओं को बेहतर बनाने, समुद्री संपर्क का विस्तार करने और सामुदायिक आजीविका को ऊपर उठाने के उद्देश्य से 100 मिलियन मालदीवियन रुफिया (MVR) के उदार अनुदान के साथ 13 समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए हैं। रविवार को हस्ताक्षरित ये समझौता ज्ञापन भारत सरकार की उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजना (HICDP) चरण III के तहत कार्यान्वित किए जाने वाले विभिन्न परियोजनाओं के लिए हैं।

विदेश मंत्रालय में ऐतिहासिक हस्ताक्षर समारोह:

मालदीव के विदेश मंत्रालय में आयोजित एक भव्य हस्ताक्षर समारोह में इन महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में इसे दोनों देशों के बीच मजबूत होती साझेदारी में एक और मील का पत्थर बताया। इस अवसर पर मालदीव सरकार की ओर से विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील और भारत सरकार की ओर से मालदीव में भारत के उच्चायुक्त जी बालासुब्रमण्यन ने हस्ताक्षर किए। परिवहन और नागरिक उड्डयन मंत्री मोहम्मद अमीन ने कार्यान्वयन एजेंसी की ओर से हस्ताक्षर किए।

100 मिलियन MVR का अनुदान और विकास का संकल्प:

इस चरण के तहत शुरू की गई 13 परियोजनाओं की कुल अनुदान राशि 100 मिलियन MVR (लगभग 55 करोड़ 28 लाख 47 हजार 552 रुपये) है। इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य मालदीव में नौका सेवाओं को उन्नत करना, कनेक्टिविटी का विस्तार करना और सामुदायिक आजीविका को बेहतर बनाना है। मालदीव में भारत के उच्चायोग ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "सामुदायिक विकास के साथ संबंध मजबूत करना। 18 मई को, भारत और मालदीव ने HICDP III के तहत 100 मिलियन MVR के अनुदान के साथ मालदीव में नौका सेवाओं को बढ़ाने के लिए 13 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। भारत, मालदीव के लोगों के लिए जीवन रेखा, समुद्री संपर्क को बढ़ाने में GoM के साथ साझेदारी करके खुश है।"

मालदीव के विदेश मंत्री का आभार:

समारोह के दौरान, विदेश मंत्री खलील ने जोर देकर कहा कि भारत की सहायता हमेशा सार्थक, उद्देश्यपूर्ण और मालदीव के लोगों की जरूरतों के अनुरूप रही है, जो दोनों देशों के बीच स्थायी बंधन को दर्शाती है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि शुरू की गई परियोजनाएं केवल बुनियादी ढांचागत विकास से कहीं अधिक हैं—वे समुदायों के लिए जीवन रेखाएं हैं, जिन्हें स्थानीय जरूरतों को पूरा करने और स्थायी सामाजिक-आर्थिक लाभ लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन से और भी अधिक सहयोग और साझा प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा, जो मालदीव-भारत संबंधों को परिभाषित करने वाली मित्रता की भावना को रेखांकित करता है।

परिवहन मंत्री का दूरदर्शी दृष्टिकोण:

परिवहन और नागरिक उड्डयन मंत्री अमीन ने परियोजना पर बोलते हुए, देशव्यापी उच्च गति वाली नौका नेटवर्क स्थापित करने में तेजी से प्रगति पर प्रकाश डाला, जो अब 9 एटोल में 81 द्वीपों को जोड़ता है। उन्होंने कहा कि आज भारत के साथ हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन इन सेवाओं का और विस्तार करेंगे, जिससे दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे। हालांकि यह परियोजना शुरू में 2027 तक पूरी होने वाली थी, लेकिन अब इसे इस साल के अंत तक अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है।

राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू की दूरदृष्टि और भारत का निरंतर समर्थन:

दोनों मंत्रियों ने भारत सरकार को उसके उदार समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया, और मालदीव के समुदायों पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव को उजागर किया। HICDP योजना के चरण III की घोषणा पिछले अक्टूबर में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान की गई थी। अमीन ने एक्स पर पोस्ट किया, "यह मील का पत्थर इस वर्ष के अंत तक हमारे राष्ट्रीय परिवहन नेटवर्क को मजबूत करने के राष्ट्रपति डॉ. @MMuizzu के दृष्टिकोण का समर्थन करता है। भारत के निरंतर समर्थन के लिए आभारी हूं।"

भारत और मालदीव के बीच ये 13 समझौता ज्ञापन द्वीपीय राष्ट्र में समुद्री संपर्क को बढ़ावा देने और समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत का उदार अनुदान मालदीव के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा और दोनों देशों के बीच मैत्री और सहयोग के बंधन को और मजबूत करेगा। यह पहल राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू के राष्ट्रीय परिवहन नेटवर्क को मजबूत करने के दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे मालदीव के दूरदराज के द्वीपों तक विकास की किरण पहुंचेगी।