Join our Whatsapp Group

देशभक्ति के नारों से गूंजी अटारी सीमा: निलंबित रिट्रीट सेरेमनी बहाल, BSF जवानों का बढ़ा मनोबल



अजय त्यागी 2025-05-21 09:03:45 पंजाब

अटारी-वाघा बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी
अटारी-वाघा बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी
advertisement

भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित ऐतिहासिक अटारी-वाघा बॉर्डर पर एक बार फिर से देशभक्ति का वह अद्वितीय नज़ारा जीवंत हो उठा है, जिसके लिए यह स्थान दुनियाभर में प्रसिद्ध है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के कारण लगभग 12 दिनों तक निलंबित रहने के बाद, आज से बीटिंग रिट्रीट समारोह को पुनः शुरू कर दिया गया है। यह समारोह सिर्फ एक सैन्य ड्रिल नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच शक्ति प्रदर्शन और भारत के शौर्य का प्रतीक है। आज समारोह को देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक उमड़े, जिन्होंने 'भारत माता की जय' के नारों से पूरे भारतीय गैलरी को गुंजायमान कर दिया और हमारे सैनिकों का मनोबल बढ़ाया।

'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद बहाली:

बीएसएफ कमांडेंट प्रदीप कुमार ने पुष्टि की है कि अटारी-वाघा सीमा पर होने वाला रिट्रीट समारोह, जिसे 8 मई से 'ऑपरेशन सिंदूर' के कारण निलंबित कर दिया गया था, आज से फिर से शुरू हो गया है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा 6-7 मई की रात को 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया गया था। इस सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए थे। इसी तनाव के मद्देनजर समारोह को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था। अब सीमा पर स्थिति में सुधार और सीजफायर के बाद यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है।

समारोह में हुए बदलाव और सतर्कता:

हालांकि, समारोह को पुनः शुरू किया गया है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण बदलावों के साथ। सुरक्षा कारणों से इस बार पारंपरिक गर्मजोशी देखने को नहीं मिली। अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ के जवान पाकिस्तान रेंजर्स से हाथ नहीं मिलाएंगे, और राष्ट्रीय ध्वज उतारने की रस्म के दौरान सीमा द्वार भी नहीं खोले जाएंगे, जैसा कि पहले होता था। इसके अलावा, किसी भी अवसर पर मिठाई या उपहारों का आदान-प्रदान भी नहीं होगा। यह परिवर्तन वर्तमान परिस्थितियों में सीमा पर अत्यधिक सतर्कता बनाए रखने की भारत की नीति को दर्शाता है। पहले यह समारोह दोनों देशों के बीच सांकेतिक दोस्ती और अनुशासन का प्रतीक माना जाता था, लेकिन अब यह केवल सैन्य अनुशासन और भारत की दृढ़ता का प्रदर्शन है।

दर्शकों का उत्साह और सैनिकों का मनोबल:

बीएसएफ कमांडेंट प्रदीप कुमार ने उम्मीद जताई है कि बड़ी संख्या में दर्शक लगातार आते रहेंगे और हमारे सैनिकों का मनोबल बढ़ाते रहेंगे। आज का दृश्य भी यही दर्शा रहा था कि भारतीय गैलरी दर्शकों से खचाखच भरी हुई थी, और हर ओर 'भारत माता की जय' के जयकारे गूंज रहे थे। दूसरी ओर, पाकिस्तानी गैलरी पूरी तरह से खाली थी, और पाकिस्तानी रेंजर्स ने केवल औपचारिकता के तौर पर अपनी तरफ से झंडा फहराने की रस्म अदा की, उनके हौसला बढ़ाने वाले दर्शक मौजूद नहीं थे। यह अंतर स्पष्ट रूप से दोनों देशों के बीच के मौजूदा संबंधों और राष्ट्रीय भावना को दर्शाता है।

अटारी-वाघा रिट्रीट समारोह का पुनः शुरू होना न केवल एक प्रतीकात्मक कदम है, बल्कि यह भारत की अपनी सीमाओं की सुरक्षा और राष्ट्रीय सम्मान को बनाए रखने की दृढ़ प्रतिबद्धता का भी संदेश है। यह आयोजन भारतीयों को अपनी सेना के पराक्रम और बलिदान पर गर्व महसूस करने का अवसर प्रदान करता रहेगा।