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धार्मिक अतिक्रमण पर भी कार्रवाई! चंदोला झील के पास अवैध मंदिर निर्माण हटाया, झील को मिलेगा नया जीवन



अजय त्यागी 2025-05-21 10:54:19 गुजरात

अवैध मंदिर निर्माण हटाया
अवैध मंदिर निर्माण हटाया
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गुजरात के अहमदाबाद शहर में, चंदोला झील के आसपास अवैध निर्माणों के खिलाफ चल रहे बड़े अभियान के तहत, एक अवैध रूप से निर्मित मंदिर को भी ध्वस्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) द्वारा चलाए जा रहे विशाल अतिक्रमण विरोधी अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य झील के आसपास की लगभग 2.5 लाख वर्ग मीटर भूमि को दशकों से किए गए अवैध कब्जों से मुक्त कराना है। इस अभियान में न केवल 8,500 से अधिक अनधिकृत ढांचों को हटाया गया है, बल्कि यह प्रशासन के उस दृढ़ संकल्प को भी दर्शाता है कि सार्वजनिक भूमि पर किसी भी प्रकार के अवैध कब्जे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, भले ही वह धार्मिक प्रकृति का ही क्यों न हो।

चंदोला झील का 'शुद्धिकरण' अभियान:

अहमदाबाद नगर निगम ने मंगलवार से दानिलिमदा क्षेत्र में चंदोला झील के पास अतिक्रमण हटाने के अभियान का दूसरा चरण शुरू किया। इस अभियान में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, जिसमें 3,000 से अधिक पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे थे। एएमसी की 50 टीमों ने 50 बुलडोजर और अर्थमूवर मशीनों के साथ सुबह 7 बजे से ही कार्रवाई शुरू कर दी। यह अभियान झील क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करके उसे पुनर्जीवित करने की एक बड़ी योजना का हिस्सा है, जिसमें झील को गहरा करना और उसके चारों ओर एक चारदीवारी का निर्माण करना शामिल है।

अवैध मंदिर पर कार्रवाई और व्यापक अतिक्रमण:

इस अभियान के दौरान, चंदोला झील क्षेत्र में अवैध रूप से निर्मित एक मंदिर को भी ध्वस्त कर दिया गया। यह कार्रवाई दर्शाती है कि प्रशासन किसी भी अवैध निर्माण को नहीं बख्श रहा है, भले ही वह धार्मिक आस्था से जुड़ा हो। एएमसी ने एक ही दिन में 8,500 से अधिक अनधिकृत ढांचों को हटाकर 2.50 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त किया है। यह ध्यान देने योग्य है कि अभियान के पहले चरण में 29 अप्रैल से 1 मई के बीच 1.5 लाख वर्ग मीटर भूमि से अतिक्रमण हटाया गया था। कुल मिलाकर, लगभग 8,000 घरों को अवैध रूप से निर्मित पाया गया था, जिनमें से अधिकांश को ध्वस्त कर दिया गया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा और अवैध अप्रवासियों का मुद्दा:

चंदोला झील क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने का यह अभियान केवल भू-माफियाओं के खिलाफ नहीं है, बल्कि अवैध अप्रवासियों, विशेषकर बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ भी एक बड़ी कार्रवाई है। पुलिस के अनुसार, इस क्षेत्र में कई अवैध बांग्लादेशी अप्रवासी रहते थे, और कुछ असामाजिक तत्वों ने इसे अपराध और जाली दस्तावेज बनाने का केंद्र बना लिया था। पहले चरण के ध्वस्तिकरण से पहले, पुलिस ने 202 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया था। गुजरात उच्च न्यायालय ने भी इस अभियान को रोकने से इनकार कर दिया था, यह तर्क देते हुए कि सार्वजनिक सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले प्रक्रियागत नियमों से अधिक महत्वपूर्ण हैं।

पुनर्वास और भविष्य की योजनाएं:

एएमसी ने घोषणा की है कि जो लोग 2010 या उससे पहले से इस क्षेत्र में रह रहे थे, वे वैकल्पिक आवास के लिए पात्र होंगे। प्रशासन मलबा हटाने, झील को गहरा करने, चारदीवारी बनाने और झील के किनारे के क्षेत्र को विकसित करने की योजना बना रहा है। इस अभियान का उद्देश्य अहमदाबाद की इस महत्वपूर्ण जल निकाय को उसके मूल स्वरूप में वापस लाना और भविष्य में किसी भी अतिक्रमण को रोकना है।