Thu, 22 May 2025 01:32:08pm
राजस्थान में वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण और सशक्तिकरण को नई दिशा देने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एक महत्वपूर्ण पहल करने जा रहा है। आगामी 28 मई को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर जिला स्तरीय कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी, जिसका उद्देश्य बुजुर्गों के जीवन को बेहतर बनाना और उन्हें समाज की मुख्यधारा में बनाए रखना है। यह कार्यशालाएं केवल सूचना का आदान-प्रदान नहीं होंगी, बल्कि इनमें मनोवैज्ञानिक, योग प्रशिक्षक, आहार विशेषज्ञ और विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारी एक साथ मिलकर वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे। यह आयोजन दिखाता है कि राजस्थान सरकार अपने वरिष्ठ नागरिकों के प्रति कितनी संवेदनशील और प्रतिबद्ध है।
कार्यशाला का उद्देश्य और भागीदार:
निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव बचनेश अग्रवाल ने इस बारे में सभी जिला कलेक्टरों को जिला स्तरीय कार्यशाला के आयोजन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि इन कार्यशालाओं का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को उनके अधिकारों, कल्याणकारी योजनाओं और मानसिक-शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराना है।
कार्यशाला में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे:
जनप्रतिनिधियों की भागीदारी और सहायक उपकरणों का वितरण:
अग्रवाल ने बताया कि इन जिला स्तरीय कार्यशालाओं में लगभग 75 से 300 प्रतिभागियों की भागीदारी अपेक्षित है, जिसमें 75 प्रतिशत बुजुर्ग, 15 प्रतिशत युवा और 10 प्रतिशत अन्य सदस्य शामिल होंगे। जनप्रतिनिधिगण और गणमान्य सदस्य भी इन आयोजनों में उपस्थित रहेंगे, जिससे कार्यक्रम को और अधिक महत्व मिलेगा।
कार्यशाला के दौरान, जिला विशेषयोग्यजन पुनर्वास केंद्र और प्रधानमंत्री दिव्यांग केंद्र के माध्यम से आवश्यकतानुसार आकलन के बाद सहायक उपकरणों और उपकरणों के वितरण के लिए शिविर भी आयोजित किए जाएंगे। यह सुनिश्चित करेगा कि जरूरतमंद वरिष्ठ नागरिकों को उनकी दैनिक जरूरतों के लिए आवश्यक सहायता मिल सके। इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों को आवश्यक जानकारी और सेवाएं प्रदान करने के लिए ई-मित्र सेवा प्रदाता भी मौजूद रहेंगे, जो सरकारी योजनाओं और सेवाओं तक उनकी पहुंच को आसान बनाएंगे।
निदेशक ने कार्यशालाओं के सफल आयोजन के लिए जिलों के प्रत्येक ब्लॉक से वरिष्ठ नागरिकों के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभाग की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करवाने के भी निर्देश दिए हैं। यह पहल राज्य में बुजुर्गों के प्रति एक समावेशी और सम्मानजनक वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।